इस दुश्मन सेनापति की खूबी देख अकबर ने नवरत्न में किया था शामिल

इस दुश्मन सेनापति की खूबी देख अकबर ने नवरत्न में किया था शामिल

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मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल पढ़ते वक्त उनके नवरत्नों ने जिक्र जरूर किया जाता है।

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हम आपको आज उन्हीं में से एक की जानकारी दे रहे हैं, इनका नाम राजा टोडरमल था, जिनको बादशाह अकबर ने अपने दरबार में वजीर बनाया था।

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इन नवरत्नों राय और मशविरा अकबर के लिए काफी मायने रखता था।

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राजा टोडरमल का जन्म उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में हुआ था। इनका असली नाम अल्ल टंडन था।

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इनके पास अकबर के राजकोष से लेकर धन से जुड़ी कई जिम्मेदारियां थीं।

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अकबर के पास काम करने से पहले राजा टोडरमल शेरशाह सूरी के यहां सेनापति हुआ करते थे।

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मुगलों के दुश्मन रहे शेरशाह सूरी के साथ टोडरमल ने लम्बे समय तक काम किया।

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बादशाह अकबर ने उनके काम से खुश होकर उन्हें दीवान-ए-अशरफ सम्मान से पदवी से सम्मानित किया था।

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