साल 1862-64 में अंग्रेजों ने ICS यानी Imperial Civil Services की परीक्षा के दरवाज़े भारतीयों के लिए खोले, पर एग्जाम के लिए लंदन जाना पड़ता था।
Image Source : Freepik अंग्रेजों के जमाने में IAS को ICS कहा जाता था। उस समय अंग्रेजों ने चतुरता दिखाते हुए सिलेबस भी ऐसा डिजाइन किया था कि परीक्षा ज्यादातर ब्रिटेन के लोग ही पास कर पाएं।
Image Source : File पर कहते हैं न हम भारतीय किसी से कम नहीं। सत्येंद्रनाथ टैगोर नाम के भारतीय ने लंदन जाकर Imperial Civil Services की परीक्षा पास की और अंग्रेजों का घमंड चकनाचूर कर दिया।
Image Source : File सत्येंद्रनाथ का जन्म कलकत्ता के जोरासांको के ठाकुरबाड़ी में 1 जून 1842 को हुआ था।
Image Source : File सत्येंद्रनाथ अपने खानदान की दूसरे बड़े बेटे थे। सत्येंद्रनाथ बचपन से ही पढ़ने में होशियार थे।
Image Source : Freepik साल 1862 में सत्येंद्रनाथ अकेले लंदन गए, सत्येंद्रनाथ पत्नी को साथ ले जाना चाहते थे, पर घर से इजाजत नहीं मिली।
Image Source : Freepik लंदन जाकर सत्येंद्रनाथ ने ICS की तैयारी की और 1863 में पहली बार में ICS पास कर महज़ 21 साल उम्र में ICS बन गए
Image Source : File 1864 में हिन्दुस्तान लौटने पर बंबई में पहली पोस्टिंग मिली। फिर तबादला अहमदाबाद हुआ।
Image Source : File इसके बाद लगातार तबादला होता रहा। सत्येंद्रनाथ 1896 में रिटायर हुए।
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