आखिर नीम करोली बाबा के आश्रम का नाम कैंची धाम ही क्‍यों है? जानें कारण

आखिर नीम करोली बाबा के आश्रम का नाम कैंची धाम ही क्‍यों है? जानें कारण

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ऐसा माना जाता है कि नीम करोली बाबा का आश्रम आध्यात्मिक मान्यताओं का केंद्र है।

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फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के फाउंडर स्‍टीव जॉब्‍स जैसे कई दिग्‍गजों के कैंची धाम आने की कहानियां मशहूर हैं।

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जानकारी के मुताबिक, नीम करोली बाबा पहली बार 1961 में कैंची धाम आए थे। उन्‍होंने अपने मित्र पूर्णानंद की सहायता से 1964 में कैंची धाम की स्‍थापना की थी।

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बता दें कि नीम करोली बाबा आडंबरों से दूर रहते थे, साथ ही किसी को भी अपने पैर नहीं छूने देते थे।

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नीम करोली बाबा ने 15 जून को ही कैंची धाम के प्रतिष्ठा दिवस मनाने को निर्धारित किया था।

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कहा जाता है कि महज 17 साल की आयु में ही नीम करोली बाबा को भगवान के बारे में ज्ञान मिल गया था।

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नीम करोली बाबा ने 10 सितंबर 1973 को अपना शरीर त्यागकर समाधि ले ली थी।

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बता दें कि कैंची धाम आश्रम की ओर जाने वाली सड़क पर कैंची की तरह दो तीखे मोड़ हैं। यही कारण है कि इस धाम का नाम कैंची धाम पड़ गया।

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