Parle-G एक ऐसा बिस्किट है जिसे शायद ही किसी हिंदुस्तानी ने ना खाया हो।
Image Source : File देश की आजादी से पहले 1929 में मुंबई में Parle की फैक्ट्री लगाई गई थी।
Image Source : File मोहन लाल दयाल ने सिर्फ 12 लोगों के साथ Parle की फैक्ट्री शुरू की थी।
Image Source : File 1938 में Parle Gluco के नाम से पहली बिस्किट निकाली थी।
Image Source : File तो इस हिसाब से भारत 86 सालों से Parle-G बिस्किट खा रहा है।
Image Source : File ब्रिटिश राज में बिस्किट लग्जरी फूड माना जाता था और इसलिए ये महंगे होते थे।
Image Source : File लेकिन देश आजाद होते ही Parle ने देश के लिए एक सस्ता बिस्किट बनाया।
Image Source : File फिर 80 का दशक आते-आते Parle Gluco को Parle-G कर दिया गया।
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