साल 1605 में जहांगीर बादशाह बना लेकिन सत्ता उसकी 20वीं बीबी नूरजहां के हाथ में थी क्योंकि जहांगीर नशे का आदी था
Image Source : File मुगल दरबार का सारा कामकाज नूरजहां ही संभालती थी, वही शाही फरमान देती थी और इसमें दस्तखत भी करती थी
Image Source : File इन फरमानों में नूरजहां बादशाह बेगम लिखा होता था। नूरजहां को जहांगीर ने ही मलिका-ए-हिंदुस्तान की उपाधि दी थी
Image Source : File दरअसल मुगल दरबार से व्यापाारिक सुविधाएं पाने के लिए अंग्रेजों ने टामस रो नाम के शख्स को भेजा था और उसने नूरजहां को अपने जाल में फंसा लिया
Image Source : File टॉमस रो ने मुगलों से सुरक्षा संधि के लिए नूरजहां को रिश्वत और कीमती तोहफे दिए, इसी सुरक्षा संधि की वजह से भारत को गुलामी की जंजीरों में जकड़ना पड़ा
Image Source : File कहते हैं कि बादशाह से मिलने से पहले टॉमस रो ने नूरजहां, उसके भाई आसफ खां और शहजादा खुर्रम को कीमती उपहार दिए
Image Source : File इसके बाद टॉमस ने नूरजहां से वो सुरक्षा संधि करवाई, जिसमें ये अनुमति दी गई कि ईस्ट इंडिया कंपनी अपनी सुरक्षा के लिए ब्रिटिश फौज को भारत ला सकती है
Image Source : File इसी के बाद भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ता चला गया। इस घटना का जिक्र 'मुगल भारत का इतिहास' नाम की किताब में मिलता है
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