चंद्रयान-3 मिशन का बुधवार शाम को लैंडिंग सफलतापूर्वक होता है, तो भारत चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर उतरने वाला पहला देश होगा।
Image Source : social media चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में उचित मात्रा में पानी मिलने की संभावना है।
Image Source : pti चंद्रमा की सतह पर बर्फ और काफी ऐसे कण जमा हैं, जिनके बारे में जिज्ञासा बनी हुई है।
Image Source : pti चांद के दक्षिणी क्षेत्र में विशाल छायादार क्षेत्र है और ढेर सारी चोटियां हैं। ये चोटियां स्थायी रूप से सूर्य के प्रकाश में रहती हैं।
Image Source : pti चंद्रमा पर बहुत सारे कीमती खनिज भी उपलब्ध हैं। जिनमें से एक हीलियम-3 है जो काफी अहम है।
Image Source : pti 2009 में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्रयान-1 जांच पर नासा के एक उपकरण ने चंद्रमा की सतह पर पानी का पता लगाया।
Image Source : pti चंद्रमा पर पानी मिलने की संभावना है जिससे वहां जीवन की तलाश की जा सकती है।
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