महारानी पद्मनी राजा गंधर्व सेन और रानी चंपावती की पुत्री थीं। इनका विवाह चितौड़ के राजा रत्नसिंह के साथ हुआ था। इनकी जौहर और वीरता की कहानी बच्चा-बच्चा जानता है।
Image Source : wikipedia रानी दुर्गावती गोंडवाना की रानी थी। पति की मौत के बाद इन्होंने शासन किया। अकबर के सेनापति ख्वाजा अब्दुल मजीद आसफ खान के खिलाफ रानी दुर्गावती का अंतिम युद्ध था।
Image Source : Social Media रानी ताराबाई छत्रपति शिवाजी महाराज की पुत्रवधू थीं। जिंजी के किले पर औरंगजेब 8 सालों तक कब्जा करने का प्रयास करता रहा। लेकिन रानी ताराबाई के कारण वह ऐसा नहीं कर सका।
Image Source : Wikipedia राजकुमारी रत्नावती जैसलमेर के राजा महारावल रत्नसिंह की बेटी थी। रत्नसिंह ने बेटी को जैसलमेर किले की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा था। इन्होंने खिलजी के सेनापति मलिक काफूर सहित 100 सैनिकों को बंधन बना लिया था।
Image Source : Facebook रानी लक्ष्मी बाई झांसी की महारानी थीं। महाराजा गंगाधर राव की मृत्यु के बाद उन्होंने झांसी की कमान संभाली। अंग्रेजों के खिलाफ उनका युद्ध कालजयी है।
Image Source : Facebook रानी चेनम्मा कर्नाटक के कित्तूर की रानी थीं। इन्होंने पति की मृत्यु के बाद राज्य की कमान संभाली और अंग्रजों से साम्राज्य को बचाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ती रहीं।
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