शक्तिशाली हिंदू रानियां, जिनसे डरते थे मुगल और अंग्रेज

शक्तिशाली हिंदू रानियां, जिनसे डरते थे मुगल और अंग्रेज

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महारानी पद्मनी राजा गंधर्व सेन और रानी चंपावती की पुत्री थीं। इनका विवाह चितौड़ के राजा रत्नसिंह के साथ हुआ था। इनकी जौहर और वीरता की कहानी बच्चा-बच्चा जानता है।

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रानी दुर्गावती गोंडवाना की रानी थी। पति की मौत के बाद इन्होंने शासन किया। अकबर के सेनापति ख्वाजा अब्दुल मजीद आसफ खान के खिलाफ रानी दुर्गावती का अंतिम युद्ध था।

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रानी ताराबाई छत्रपति शिवाजी महाराज की पुत्रवधू थीं। जिंजी के किले पर औरंगजेब 8 सालों तक कब्जा करने का प्रयास करता रहा। लेकिन रानी ताराबाई के कारण वह ऐसा नहीं कर सका।

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राजकुमारी रत्नावती जैसलमेर के राजा महारावल रत्नसिंह की बेटी थी। रत्नसिंह ने बेटी को जैसलमेर किले की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा था। इन्होंने खिलजी के सेनापति मलिक काफूर सहित 100 सैनिकों को बंधन बना लिया था।

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रानी लक्ष्मी बाई झांसी की महारानी थीं। महाराजा गंगाधर राव की मृत्यु के बाद उन्होंने झांसी की कमान संभाली। अंग्रेजों के खिलाफ उनका युद्ध कालजयी है।

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रानी चेनम्मा कर्नाटक के कित्तूर की रानी थीं। इन्होंने पति की मृत्यु के बाद राज्य की कमान संभाली और अंग्रजों से साम्राज्य को बचाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ती रहीं।

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