उत्तर प्रदेश में अब हेलमेट के बिना दोपहिया वाहन चलाने वाले लोगों को पेट्रोल नहीं मिलेगा। राज्य सरकार ने सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम करने के लिए यह फैसला लिया है। इस बारे में सभी पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
Image Source : PTIअगर आप हेलमेट लगाए बिना किसी पेट्रोल पंप में पेट्रोल लेने जाते हैं तो अब पेट्रोल पंप के कर्मचारी आपको पेट्रोल देने से मना कर देंगे। सरकार का मानना है कि ऐसा करने से लोग हेलमेट पहनने के लिए मजबूर होंगे और सड़क हादसों में कम मौतें होंगी।
Image Source : PTIउत्तर प्रदेश सरकार ने एक रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया है। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि दोपहिया वाहन हादसे में होने वाली अधिकतर मौतों में मृतक ने हेलमेट नहीं पहना था। हेलमेट न पहनने पर सिर में गंभीर चोट लगती है और मौत की आशंका बढ़ जाती है।
Image Source : PTIराज्य के सभी 75 जिलों के जिलाधिकारियों और संभागीय परिवहन आयुक्तों को एक पत्र भेजा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि हेलमेट के बिना तेल न देने के इस निर्देश को तत्काल लागू किया जाए। इस नियम को सख्ती से लागू करने की बात कही गई है।
Image Source : Meta AIयूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी महीने की शुरुआत में कहा था कि राज्य में हर साल सड़क हादसों में 25-26 हजार लोग मारे जाते हैं। योगी आदित्यनाथ के इस बयान का जिक्र भी सभी जिलाधिकारियों को लिखे गए पत्र में किया गया है।
Image Source : Meta AIपरिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि यह योजना साल 2019 में गौतम बुद्ध नगर में लागू की गई थी। अब इसे व्यापक स्तर पर पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है। राज्य के सभी जिलों में इसे सख्ती से लागू करने का उद्देश्य रखा गया है।
Image Source : Meta AIब्रजेश नारायण सिंह ने यह भी कहा कि पेट्रोल पंप संचालकों को इसके प्रति जागरुकता फैलाने में मदद करनी चाहिए। इसके तहत हर पेट्रोल पंप पर हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं के नारे के साथ होर्डिंग लगाए जाने चाहिए और इसका पालन भी होना चाहिए।
Image Source : Meta AIसरकार ने सोशल मीडिया और परंपरागत मीडिया के जरिए इस नीति के प्रचार पर जोर दिया है। परिवहन आयुक्त ने कहा कि हेलमेट को कानून के डर से पहनने की बजाय जीवन रक्षा के उपाय के रूप में प्रचारित किया जाना चाहिए।
Image Source : Meta AIपरिवहन आयुक्त सिंह ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य वाहन चालकों में जिम्मेदारी की भावना पैदा करना तथा सड़क पर सुरक्षित व्यवहार की संस्कृति विकसित करना है। इससे सड़क का सफर सुरक्षित भी होगा।
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