मुगल शहजादी जहांआरा बेगम ने अपने समय के इतिहास पर गहरा असर डाला था।
Image Source : File बला की खूबसूरत यह शहजादी मुगल बादशाह शाहजहां और मुमताज महल की सबसे बड़ी बेटी थी।
Image Source : File 1631 में मुमताल महल की मौत के बाद 17 साल की जहांआरा बेगम के ऊपर कई जिम्मेदारियां आ गई थीं।
Image Source : File शाहजहां ने अपनी 3 बीवियों पर बेटी जहांआरा को तरजीह देते हुए उसे मुगल साम्राज्य का पादशाह बेगम बना दिया था।
Image Source : File फ्रांसीसी इतिहासकार फ्रैंकोएस बर्नियर के मुताबिक, जहांआरा बेगम के अपने पिता शाहजहां के साथ बेहद करीबी संबंध थे।
Image Source : File यह भी कहा जाता है कि शाहजहां ने जानबूझकर जहांआरा का निकाह नहीं होने दिया था।
Image Source : File जहांआरा बेगम ने अपने पिता शाहजहां के बुरे दिनों में उसका अच्छी तरह ख्याल रखा था।
Image Source : File पिता शाहजहां की मौत के बाद जहांआरा अपने भाई औरंगजेब के करीब आई और उसे एक बार फिर पादशाह बेगम का पद मिल गया।
Image Source : File जहांआरा ने पादशाह बेगम के पद पर रहते ही दुनिया को अलविदा कहा था।
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