महिलाओं के पास जाने में घबराता था ये मुगल बादशाह, खुद लिखी थी ये बात

महिलाओं के पास जाने में घबराता था ये मुगल बादशाह, खुद लिखी थी ये बात

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मुगलों के बारे में जानने की लोगों में काफी दिलचस्पी रहती है, क्योंकि उन्होंने भारत पर सैकड़ों साल तक शासन किया।

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मुगल बादशाह शाहजहां को जहां ‘मोहब्बत की निशानी’ ताजमहल के लिए जाना जाता है, वहीं अकबर की प्रेम कहानियां भी चर्चा में रहती हैं।

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हालांकि भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना करने वाला जहीरूद्दीन मुहम्मद बाबर की सोच महिलाओं को लेकर काफी अलग थी।

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बाबर को महिलाओं की संगत पसंद नहीं थी और उसने अपनी आत्मकथा बाबरनामा में उन्हें कई जगह कोसा है।

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बाबर ने कई बार खुद यह बात मानी कि महिलाओं के पास जाने में उसकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है और काफी घबराहट होती है।

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कई जगहों पर इस बात का भी जिक्र है कि बाबर लड़कों की तरफ आकर्षित रहता था और बाबरी नाम का उसका एक खास साथी भी था।

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बाबर की पहली पत्नी आइशा सुल्तान बेगम ने शायद लड़कों को पसंद करने की उसकी आदत से तंग आकर ही उसे तलाक दे दिया था।

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बाबर ने इसके बाद भी शादियां कीं लेकिन अगले कई सालों तक उसके कोई बेटा नहीं हुआ। उसकी 2 बेटियां कम उम्र में ही गुजर गईं।

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बाबर का पहला बेटा हुमायूं उसकी चौथी बेगम माहिम से हुआ। बाद में बाबर ने जो शादियां कीं उनसे उसकी कई औलादें हुईं।

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हालांकि बाबर ने कई बार महिलाओं से अपनी बेरुखी का जिक्र किया है और बाबरी नाम के गुलाम के प्रति खास स्नेह दिखाया है।

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बाबर ने अपनी आत्मकथा बाबरनामा में लिखा है कि ईश्वर को दुनिया से कर्कश और झगड़ालूं औरतों का सफाया कर देना चाहिए।

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