माता सीता की आठ सहेलियां थीं जिनमें से एक हेमा भी थीं।
Image Source : social media माता सीता की सहेली हेमा ने भगवान राम से उन्नतीस परीक्षाएं लीं थीं।
Image Source : social media भगवान राम सभी परीक्षाओं में सफल हुए और सभी समस्या का समाधान भी कर दिया।
Image Source : social media माता सीता की सखी हेमा विलक्षण भाव रखती थीं। उन्होंने राम की छवि को देखकर कहा था- यही सीता के योग्य हैं।
Image Source : social media भगवान राम की परीक्षा लेने वाली हेमा ने कहा- ज्ञान, शील, गुण और धर्म से मनुष्य की पहचान होती है और ये तो सर्वगुणसंपन्न हैं।
Image Source : social media इसके बाद सोने के सिंहासन पर आठ सखियों के साथ माता सीता पुनौरा धाम के सीता कुंड से प्रकट हुईं।
Image Source : social media रामचरितमानस के बालकांड में 228 दोहे में इसका वर्णन भी है।
Image Source : social media जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज ने सीता की आठ सहेलियों में एक हेमा के जीवन-दर्शन का प्रसंग सुनाया।
Image Source : social media रामायण में राजा जनक की चार पुत्रियों का वर्णन मिलता है। ये हैं - माता सीता, उर्मिला, मांडवी, और श्रुतकीर्ति।
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