खदान नहीं अब लैब में हीरे बना रहा भारत, जानें प्रोसेस और कीमत

खदान नहीं अब लैब में हीरे बना रहा भारत, जानें प्रोसेस और कीमत

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अमेरिका गए पीएम मोदी ने बाइडेन की पत्नी जिल को एक 7.5 कैरेट का हीरा भेंट किया है।

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इन्हें ग्रीन हीरा कहते हैं। ये एक ईको-फ्रेंडली लैब में तैयार किए जाते हैं।

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इन हीरों का निर्माण सोलर और विंड एनर्जी जैसे संसाधनों के उपयोग से होता है।

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ग्रीन हीरे को कटिंग एज टेक्नोलॉजी के साथ बेहद सटीकता से बनाया जाता है।

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इसमें प्रति कैरेट केवल 0.028 ग्राम कार्बन उत्सर्जित होता है।

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लैब में बने हीरे जेमोलॉजिकल लैब और IGI द्वारा प्रमाणित हैं।

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लैब में हीरे दो तकनीक से बनते हैं- हाई टेंप्रेचर हाई प्रेशर (HPHT) और केमिकल वेपर डिपोजिशन (CVD)

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भारत सीवीडी तकनीक से इन हीरों को बनाता है और इस क्षेत्र में प्रमुख उत्पादकों में से एक है।

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जितने कैरेट का एक नेचुरल हीरा 8.3 लाख का पड़ेगा, उतने कैरेट का एक ग्रीन हीरा करीब 1.8 लाख का पड़ेगा।

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