करमनाशा नदी का नाम दो शब्दों कर्म और नाश से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है कर्मों का नाश करने वाली।
Image Source : Facebook हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक यह नदी श्रापित है। इस कारण स्थानीय लोग इस नदी के पाने का स्पर्श तक नहीं करते हैं।
Image Source : Facebook दरअसल यह नदी राजा हरिश्चंद्र के पिता सत्यव्रत के लार से बनी है। दरअसल सत्यव्रत को भगवान इंद्र ने स्वर्ग से धरती पर भेजा।
Image Source : Facebook तब गुरु वशिष्ठ ने अपनी शक्ति से सत्यवर्त के शरीर को धरती और आसमान के बीच में रोक दिया। सत्यव्रत का शरीर उल्टा लटका था।
Image Source : Facebook तभी सत्यव्रत के मुंह से लार निकलने लगा। कहते हैं कि इसी लार से कर्मनाशा नदी का निर्माण हुआ।
Image Source : Facebook सत्यव्रत की चालाकी के कारण गुरु वशिष्ठ ने उन्हें श्राप दिया, जिसके बाद यह नदीं श्रापित हो गई।
Image Source : Facebook Next : पति को हर महीने 5 हजार गुजारा भत्ता देगी पत्नी, कोर्ट ने क्यों दिया ऐसा आदेश?