ISRO में होती है पूजा, तो रूसी करते है पेशाब; ऐसा है पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों का हाल

ISRO में होती है पूजा, तो रूसी करते है पेशाब; ऐसा है पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों का हाल

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रॉकेट मिशन से पहले इसरो ही नहीं नासा, रूसी वैज्ञानिक समेत दुनियाभर के वैज्ञानिक टोटके करते हैं ताकि उन्हें उनके मिशन में सफलता मिले।

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इसरो वैज्ञानिक तिरुपति बालाजी मंदिर में पूजा करते हैं। भगवान के चरणों में रॉकेट का छोटा मॉडल भी चढ़ाते हैं।

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ISRO ने एक बार फिर GSLV रॉकेट को नंबर देते समय '13' नंबर को छोड़ दिया जिसे आमतौर पर "अशुभ" माना जाता है।

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चांद की सतर पर उतरने वाले अपोलो-13 की विफलता के बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने उस संख्या के नाम पर किसी अन्य मिशन का नाम नहीं रखा।

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रूसी अंतरिक्ष यात्री यान में सवार होने के पहले जो बस उन्हें लॉन्चपैड तक ले जाती है, उसके पिछले दाहिने पहिए पर पेशाब करते हैं।

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ये कहानी 12 अप्रैल 1961 को शुरू हुई जब यूरी गैगरीन अंतरिक्ष में जाने वाले थे। वे यात्रा से पहले बेहद बेचैन थे, उन्हें बहुत तेज पेशाब लगी थी।

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गैगरीन ने बीच रास्ते में बस रुकवा कर पिछले दाहिने पहिए पर पेशाब कर दिया और उनका मिशन सफल रहा तब से यह टोटका चल रहा है।

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अंतिरक्ष में जाने से पहले रूस में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए संगीत बजाया जाता है। इसकी शुरुआत भी यूरी गैगरीन ने की थी।

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NASA वाले जब भी किसी मिशन लांच को लॉन्‍च करते हैं तो जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में मूंगफली खाते हैं।

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अंतरिक्ष यात्रा पर जाने से पहले रूसी कॉस्मोनॉट कूलिंग पाइप पर किसी महिला का नाम लिखते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि कोई हादसा न हो।

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अंतरिक्ष यात्रा पर जाने से पहले रूसी कॉस्मोनॉट कूलिंग पाइप पर किसी महिला का नाम लिखते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि कोई हादसा न हो।

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इसरो के एक सेवानिवृत्त रॉकेट वैज्ञानिक के अनुसार, एक प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकेट लॉन्च के दिन नई शर्ट पहनते हैं।

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