

भारत में रोजाना आत्महत्या की खबरें आती हैं। लोग अलग-अलग वजहों से परेशान होकर आत्महत्या करते हैं। अब तक देश के किसानों के बीच आत्महत्या दर काफी ज्यादा थी, लेकिन अब छात्रों के बीच आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं।
Image Source : Freeimagesराष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 2022 में भारत में 1.71 लाख लोगों ने आत्महत्या की। दुनिया के किसी भी अन्य देश में एक साल के अंदर इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने आत्महत्या नहीं की। इस लिस्ट में शीर्ष पर होना भारत के लिए शर्मनाक है।
Image Source : Freeimagesभारत में आत्महत्या की दर लगातार बढ़ रही है। अप्रैल 2024 में जारी आंकड़ों के अनुसार देश में आत्महत्या की दर बढ़कर प्रति 1,00,000 लोगों पर 12.4 पहुंच गई है, जो भारत में अब तक दर्ज की गई उच्चतम आत्महत्या दर है।
Image Source : Freeimagesस्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार भारत में आत्महत्या के मामले बढ़ने का मुख्य कारण डिप्रेशन है। अलग-अलग वजहों से लोग तनाव महसूस करते हैं और डिप्रेशन में जाकर सुसाइड कर लेते हैं। किसान कर्ज के बोझ तले दबकर आत्महत्या कर रहे हैं, जबकि छात्र कम नंबर आने पर मौत को गले लगा रहे हैं।
Image Source : Freepikअलग-अलग रिसर्च में यह भी पता चलता है कि आत्महत्या करने वाले लगभग 50 से 90 प्रतिशत व्यक्ति अवसाद, चिंता जैसी मानसिक बीमारियों से भी पीड़ित होते हैं। कई बार अपराध करने के बाद भी लोग पश्चाताप और कानून के डर से आत्महत्या कर लेते हैं।
Image Source : Freepikचिंता की बात यह कि सुसाइड के सबसे ज्यादा मामले युवाओं में दर्ज किए गए हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार देश में हर साल आत्महत्या करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। 2022 में 1.71 लाख लोगों ने आत्महत्या की थी। यह आंकड़ा 2021 से 4.2% और 2018 से 27% ज्यादा है।
Image Source : Freepikएनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार भारत में 1967 के बाद सबसे ज्यादा आत्महत्या के मामले 2022 में दर्ज किए गए। सबसे ज्यादा मामले देश की राजधानी दिल्ली से सामने आए थे। यहां 2022 में 2760 लोगों ने आत्महत्या की थी।
Image Source : Freepikआत्महत्या के मामले में चेन्नई दूसरे और बेंगलुरू तीसरे स्थान पर है। चेन्नई में 2022 में 2699 लोगों ने सुसाइड किया था। वहीं, बेंगलुरू में 2022 में 2292 लोगों ने आत्महत्या की थी। आत्महत्या करने वाले लोगों में लाइलाज बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या भी ज्यादा है।
Image Source : Freeimagesएक आंकड़े के अनुसार आत्महत्या करने वाले 32.4 फीसदी लोगो पारिवारिक समस्याओं से परेशान थे। वहीं, 17.1 फीसदी लोगों ने लंबी और लाइलाज बीमारियों से परेशान होकर मौत को गले लगाना उचित समझा।
Image Source : FreeimagesNext : दिल्ली में किस धर्म की कितनी प्रतिशत आबादी है?