भारत का इतिहास वीरों के बलिदान से भरा पड़ा है, उसी में एक नाम 'हाड़ी रानी' का भी आता है
Image Source : File'हाड़ी रानी' राजस्थान स्थित बूंदी के हाड़ा शासक की बेटी थीं, उनकी शादी उदयपुर (मेवाड़) के सलुंबर के सरदार रतन सिंह चूड़ावत से हुई थी
Image Source : File'हाड़ी रानी' ने मुगल बादशाह औरंगजेब की सेना से लड़ रहे अपने राजा पति रतन सिंह को कर्तव्य याद दिलाने के लिए अपना सिर काटकर युद्धभूमि में भिजवाया था
Image Source : Fileदरअसल हाड़ी रानी और रतन सिंह के विवाह को 7 दिन ही हुए थे, तभी औरंगजेब की सेना से यु्द्ध का संदेशा आ गया
Image Source : Fileयुद्ध की बात सुनकर रतन सिंह निराश हो गए क्योंकि नई-नई शादी हुई थी और वह हाड़ी रानी को छोड़कर युद्ध में नहीं जाना चाहते थे
Image Source : Fileरतन सिंह अपनी सेना लेकर युद्ध के लिए चल तो पड़े लेकिन उनका मन हाड़ी रानी के पास ही था। उन्होंने हाड़ी रानी को संदेश भिजवाया और अपनी प्रिय निशानी भेजने के लिए कहा
Image Source : Fileपति युद्ध में अपना कर्तव्य सही से निभाएं, इसलिए हाड़ी रानी ने निशानी के रूप में अपनी सिर काटकर रतन सिंह को भेज दिया
Image Source : Fileहाड़ी रानी ने अपने कटे हुए सिर के साथ पत्र भेजा, जिसमें लिखा था कि मैं आपको मेरे मोह के बंधनों से आजाद कर रही हूं, स्वर्ग में आपकी बाट जोहूंगी
Image Source : Fileरतन सिंह ने जब पत्नी का बलिदान देखा तो डटकर औरंगजेब की सेना का सामना किया और इस यु्द्ध में विजय हासिल की
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