तमिलनाडु में स्थित धनुषकोडी नाम के गांव के ये खंडहर बीते जमाने की दास्तान सुनाते हैं।
Image Source : Pixabay Representational 1964 में आए एक तूफान ने सुदूर दक्षिण भारत में स्थित इस गांव को समुद्र में डुबा दिया था।
Image Source : Pixabay Representational 22 दिसंबर 1964 को आए उस तूफान ने 1800 लोगों की जिंदगियां छीन ली थीं।
Image Source : Pixabay Representational तूफान की वजह से पम्बन-धनुषकोटि एक्सप्रेस भी समुद्र के आगोश में समा गई थी जिसमें 115 लोगों की जान गई।
Image Source : Google Maps तूफान छंटने के बाद जब गांव समुद्र से बाहर आया तो सबकुछ खत्म हो चुका था।
Image Source : Pixabay Representational आज इस गांव में एक आदमी भी नहीं रहता क्योंकि सरकार यहां किसी को बसने की इजाजत नहीं देती।
Image Source : Pixabay Representational अब सिर्फ यहां के खंडहरों को देखने के लिए पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है।
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