ऋग्वेद के मुताबिक, सरयू नदी की उत्पत्ति भगवान विष्णु की आंखो से हुई है
Image Source : Representative Pic दरअसल शंखासुर नाम के दैत्य ने वेदों को चुराकर समुद्र में डाल दिया था और खुद भी वहां छिप गया था
Image Source : Representative Pic इसके बाद भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण किया था और दैत्य का वध कर दिया था
Image Source : Representative Pic फिर विष्णु ने ब्रह्मा को वेद सौंपे और अपना वास्तविक रूप धारण किया। इस दौरान विष्णु की आंखों से आंसू टपक गए
Image Source : Representative Pic ब्रह्माजी ने उस आंसू को मानसरोवर में डाल दिया और उसे सुरक्षित रख दिया
Image Source : Representative Pic बाद में इस जल को वैवस्वत महाराज ने बाण से मानसरोवर से बाहर निकाला
Image Source : Representative Pic यही जलधारा बाद में सरयू नदी कहलाई
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