मुगल शहजादियों को अपने हरम में खींच ले गया था ये राजा, औरंगजेब के भाई को दी थी दर्दनाक मौत

मुगल शहजादियों को अपने हरम में खींच ले गया था ये राजा, औरंगजेब के भाई को दी थी दर्दनाक मौत

Image Source : File

मुगल बादशाह औरंगजेब की क्रूरता के किस्सों के बारे में इतिहास में दिलचस्पी न रखने वाले लोग भी जानते हैं।

Image Source : File

औरंगजेब ने गद्दी पाने के लिए न सिर्फ अपने भाइयों को कत्ल किया था, बल्कि उसकी ज्यादती की वजह से उसके बड़े बेटे की भी जान गई थी।

Image Source : File

हालांकि हम यहां औरंगजेब के एक ऐसे भाई की बात करने जा रहे हैं, जो उसके खूनी पंजे से बच निकला था।

Image Source : File

मिर्जा शाह शुजा मुगल बादशाह शाहजहां का बेटा और औरंगजेब का भाई था। वह बंगाल और ओडिशा का गवर्नर भी रह चुका था।

Image Source : File

औरंगजेब ने जब विरासत की जंग शुरू की और अपने भाइयों को एक-एक कर मारना शुरू किया तो शुजा मौका देखकर भाग निकला।

Image Source : File

बंगाल के रास्ते होते हुए शुजा म्यांमार पहुंचा और अराकान के ताकतवर राजा सांडा थुडम्मा के साथ के साथ दोस्ती की। वह अपने साथ काफी साजो-सामान ले गया था।

Image Source : File

बताया जाता है कि शुजा के साथ उस समय सिर्फ 200 सैनिक थे। इसके अलावा उसकी बेगमें, बहुएं और बेटियां भी शुजा के साथ थी।

Image Source : File

शुजा ने अराकान के राजा से डील की कि अगर वह उसे मक्का जाने के लिए जहाज उपलब्ध करवा देता है तो उसे काफी पैसे दिए जाएंगे।

Image Source : File

8 महीने बाद भी जब अराकान के राजा ने अपना वादा नहीं निभाया तो शुजा ने अपने सैनिकों के साथ मिलकर राजा का तख्तापलट करने की कोशिश की।

Image Source : File

अराकान के राजा का तख्तापलट करने की कोशिश नाकाम रही और उसने शुजा को हराकर उसका सिर कलम कर लिया।

Image Source : File

अराकान के राजा ने शुजा के लड़कों को अपना नौकर बना लिया और सभी मुगल शहजादियों को अपने हरम में दाखिल कर लिया।

Image Source : File

बाद में विद्रोह की आशंका के चलते उसने सभी मुगल शहजादों के सिर कलम करवा दिए और शहजादियों को तब तक भूखा रखा जब तक कि उनकी मौत नहीं हो गई।

Image Source : File

इस तरह म्यांमार के अराकान प्रांत के राजा ने न सिर्फ मुगल बादशाह औरंगजेब के भाई की जान ली, बल्कि उसके भतीजे-भतीजियों को भी तड़पा-तड़पाकर मारा।

Image Source : File

Next : आजादी के समय भारत में हिंदू-मुसलमान की आबादी कितनी थी?