कुंभ मेले का इतिहास समुद्र मंथन की कथा से जुड़ा है।
Image Source : lexica art समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को लेकर देवता-दानवों के बीच संघर्ष हुआ।
Image Source : lexica art अमृत कलश की कुछ बूंदें भारत की चार पवित्र नदियों के तटों पर गिर गईं।
Image Source : lexica art अमृत कलश से अमृत की चार बूंदें प्रयाग, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में गिरीं
Image Source : lexica art इन चारों जगहों पर कुंभ मेला आयोजित किया जाता है।
Image Source : lexica art प्रयाग को तीर्थराज कहा जाता है और यहां हर 12 साल में महाकुंभ मेला लगता है।
Image Source : lexica art शाही स्नान कुंभ मेले का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
Image Source : lexica art कुंभ मेले का एक प्रमुख आकर्षण शाही जुलूस है, जिसे 'पेशवाई' भी कहा जाता है।
Image Source : lexica art कुंभ मेले का लिखित प्रमाण चीनी यात्री ह्वान त्सांग के यात्रा विवरण में मिलता है।
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