अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश का दूसरा शासक था। उसने 1296 से 1316 तक शासन किया था।
Image Source : File कहा जाता है कि खिलजी अपने एक गुलाम मलिक काफूर को पागलपन की हद तक चाहता था, और उसे अपनी सेना का कमांडर तक बना दिया था।
Image Source : File मलिक काफूर के बारे में जितनी जानकारी मौजूद है, उससे पता चलता है कि वह एक दौर में खिलजी का सबसे ‘करीबी’ आदमी बन गया था।
Image Source : File काफूर अपनी जवानी में खंभात के एक धनी ख्वाजा का गुलाम था। खूबसूरत दिखने वाले काफूर को नपुंसक बना दिया गया था।
Image Source : File कहा जाता है कि उसे उसके मूल मालिक ने एक हजार दीनार में खरीदा था, इसीलिए उसे 'हजार दीनारी' के नाम से भी बुलाया जाता था।
Image Source : File अलाउद्दीन खिलजी की सेना के कमांडर के रूप में काफूर ने 1306 में मंगोल आक्रमणकारियों को हराया था, और यहां से उसकी ताकत तेजी से बढ़ी।
Image Source : File काफूर ने यादुव (1308), काकतीय (1310), होसैलस (1311) और पांड्या (1311) के खिलाफ भारत के दक्षिणी भाग में कई लड़ाइयां लड़ी थीं।
Image Source : File दक्षिण भारत में भी काफूर बेहद कामयाब रहा था और उसने दिल्ली सल्तनत के लिए बड़ी संख्या में खजाने, हाथी और घोड़े प्राप्त किए थे।
Image Source : File 1313-15 के दौरान काफूर देवगिरी के अलाउद्दीन के गवर्नर के रूप में कार्यरत था ।
Image Source : File 1315 में जब अलाउद्दीन गंभीर रूप से बीमार हो गया, तब उसे दिल्ली वापस बुला लिया गया और उसे नाइब के रूप में रखा गया।
Image Source : File अलाउद्दीन की मृत्यु के बाद उसने अलाउद्दीन के बेटे शिहाबुद्दीन ओमार की सत्ता को हड़पने की कोशिश की और कामयाब भी रहा।
Image Source : File मलिक काफूर गद्दी पर बैठ गया और उसकी सत्ता लगभग एक महीने तक चली। हालांकि बाद में अलाउद्दीन के पूर्व अंगरक्षकों ने उसकी हत्या कर दी।
Image Source : File इस तरह दुनिया के इतिहास के कुछ सबसे ताकतवर गुलामों में से एक का बहुत ही भयानक अंत हुआ।
Image Source : File Next : गोरखपुर में बनने वाला नया रेलवे स्टेशन दिखेगा बेहद ही सुंदर, यहां देखें तस्वीरें