कैसे करें मिर्गी के लक्षणों की पहचान?

कैसे करें मिर्गी के लक्षणों की पहचान?

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मिर्गी की बीमारी में मरीज अपनी चेतना खो देते हैं और शरीर में अकड़न आने लगती है। बता दें मिर्गी की जानकरी तब तक नहीं हो सकती, जब तक एक या दो बार दौरा न पड़ जाए। ऐसे में चलिए हम आपको बताते हैं मिर्गी की पहचान कैसे करें?

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मिर्गी में दो तरह के दौरे पड़ते हैं एक है जनरलाइज्ड एपिलेप्सी और दूसरा है फोकल एपिलेप्सी। जनरलाइज्ड एपिलेप्सी में पूरे दिमाग पर दौरा पड़ता है। जिस वजह से मांसपेशियों में मरोड़, दिल की धड़कन का बढ़ना और हाथों व पैरों की गतिविधि में परिवर्तन आने लगता है और यह तब तक होता है जब तक इंसान बेहोश न हो जाए।

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वहीं, फोकल एपिलेप्सी में दिमाग के कुछ हिस्सों में इलेक्ट्रिकल तरंगे दौड़ती हैं। जिसमें इंसान के सूंघने या चखने की शक्ति खत्म हो जाती है। साथ ही शरीर में मरोड़ आने लगती है और देखने, सुनने की क्षमता खो जाती है।

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यानी मिर्गी में बेहोश होना, आवाज कम हो जाना, मांसपेशियों का अनियंत्रित रूप से काम करना, सुन्न महसूस होना, बोलने या समझने में दिक्कत होना और हाथों व पैरों की गतिविधि में परिवर्तन आना जैसे लक्षण नज़र आते हैं।

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एक्सपर्ट के अनुसार मिर्गी के सही कारण का पता लगाना मुश्किल होता है है। कुछ लोगों को गंभीर बीमारी के बाद मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। तो वहीं कुछ लोगों को दिमाग में चोट लगने की वजह से ये दौरे आते हैं।

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ऐसे में इसके मरीजों को डॉक्टर की बताई दवा समय पर और नियमित रूप से खानी चाहिए, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, पर्याप्त नींद लेना जरूरी है, नियमित व्यायाम करना जरूरी है

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