रेव पार्टियों को अंडरग्राउंड पार्टी भी कहा जाता है। इसकी शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी। इन पार्टियों में ज्यादातर हिप्पी या बोहेमियन शामिल होते थे।
Image Source : Instagram ये लोग रेव पार्टी में पूरी रात संगीत पर झूमते थे। आमतौर पर ये आधी रात को शुरू होती और सुबह तक चलती थीं।
Image Source : Freepik इन्हीं रेव पार्टीज में नशे का कारोबार भी चलता है। कोकीन, एमडीएमए, एमडी, एलएसडी, जीएचबी, कैनबिस हशीश, केटामाइन, जैसे कई और ड्रग्स की सप्लाई होती है।
Image Source : Freepik कई बार इन्हीं पार्टीज में स्नेक वेनम यानी सांप के जहर की सप्लाई भी की जाती है। इसके जरिये भी लोग नशा करते हैं।
Image Source : Freepik आमतौर पर स्नेक वेनम का नशा शराब या बाकी ड्रग्स जैसा नहीं होता है, लेकिन इसका असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है।
Image Source : Freepik भारत में रेव पार्टीज प्रतिबंधित नहीं हैं, लेकिन इनमें होने वाली गैरकानूनी ड्रग्स की सप्लाई प्रतिबंधित है। एक दायरे में रहते हुए लोग म्यूजिक और डांस एंजॉय कर सकते हैं।
Image Source : Freepik अक्सर इन रेव पार्टीज में ड्रग्स, स्नेक वेनम और माइनर्स का इनवॉल्वमेंट पाया जाता है। इसी के चलते ये गैरकानूनी हो जाती हैं।
Image Source : Freepik ऐसी ही पार्टी का आयोजन कराने के लिए एल्विश यादव पर कार्रवाई हुई है। दावा किया गया है कि वो इन पार्टीज में स्नेक वेनम की सप्लाई करते थे।
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