इस चिल्ड्रन डे पर बच्चों के साथ देखें ये मूवीज, जो मनोरंजन के साथ देती हैं सीख

इस चिल्ड्रन डे पर बच्चों के साथ देखें ये मूवीज, जो मनोरंजन के साथ देती हैं सीख

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'तारे जमीन पर' फिल्म में दिखाया गया है कि हर बच्चा अपने आप में ख़ास है। जरुरी नहीं है कि जिस बच्चे का ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता है उनमें कुछ बात नहीं होती है।

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2011 में नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म ‘आय एम कलाम’ हर बच्चे को जरूर देखनी चाहिए। यह कहानी एक छोटे बच्चे की है जो हर हाल में पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बनकर अपने परिवार के काम आना चाहता है।

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'चिल्लर पार्टी' फिल्म भी एक शानदार फिल्म है। इस फिल्म में अनाथ बच्चों के एक ग्रुप को दिखाया गया है, जो अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हैं।

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'स्लमडॉग मिलेनियर' फिल्म दो भाइयों के इर्द-गिर्द घूमती है। वो बचपन में दंगों के दौरान अनाथ और बेघर हो गएl थे। दोनों ने तरह-तरह के बुरे लोगों और कई मुश्किलों का सामना किया।

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साल 2010 में रिलीज हुई फिल्म 'बम बम बोले' की कहानी दो भाई-बहन के ऊपर आधारित है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे एक गरीब मां बाप के बच्चे होशियार होते हैं और परिवार के दुख में अच्छा साथ निभाते हैं।

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फिल्म ‘स्टेनली का डिब्बा’ भी बच्चो के लिए एक शानदार फिल्म मानी जाती है। ‘चिल्ड्रेन्स डे’ के ख़ास मौके पर आप अपने बच्चों के लिए इस फिल्म को घर में दिखा सकते है और बच्चों का दिन ख़ास बना सकते हैं।

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'निल बटे सन्नाटा' फिल्म गरीब मां-बेटी पर आधारित है। यह फिल्म बताती है कि सपनों का मर जाना सबसे खतरनाक होता है और इंसान के सपनों के मर जाने से बड़ा कोई दर्द नहीं होता।

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साल 1983 में आई फिल्म 'मासूम' दर्शकों के बीच खूब पसंद की गई थी। यह फिल्म गोद लिए बच्चों की समस्याओं पर बनी है। फिल्म का मशहूर गाना 'लकड़ी की काठी' आज भी बच्चों को काफी पसंद आता है।

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