संगीत के लिए 11 की उम्र में छोड़ा था घर, एक कॉल से चमकी किस्मत

संगीत के लिए 11 की उम्र में छोड़ा था घर, एक कॉल से चमकी किस्मत

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पंजाबी पॉप सिंगर दलेर मेहंदी ने अपने गानों से लोगों को बीच खास पहचान बनाई है। 'तुनक तुनक तुन', 'बोलो ता रा रा' और 'हो जायेगी बल्ले बल्ले' जैसे गाने आज भी लोगों के बीच काफी मशहूर है।

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दलेर मेहंदी संगीत की दुनिया का वो नाम है जिन्होंने लोगों को गानों की उन बारीकियों से वाकिफ कराया है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते थे। उन्होंने संगीत सीखने के लिए महज 11 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था।

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दलेर मेहंदी ने गोरखपुर के उस्ताद राहत अली खान से भारतीय शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली। खास बात ये है कि दलेर मेहंदी गायक होने के साथ-साथ गीतकार, लेखक और रिकॉर्ड प्रोड्यूसर भी हैं।

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18 अगस्त 1967 के दिन बिहार की राजधानी पटना में जन्मे दलेर मेहंदी के गानों का क्रेज फैंस के बीच आज भी बान हुआ है। उनकी आवाज सुनते ही लोग झूमना शुरू कर देता हैं।

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दलेर मेहंदी ने 13 साल की उम्र में जौनपुर में हजारों लोगों के सामने पहली बार स्टेज परफॉर्मेंस दी थी, जिसके बाद वह अपनी आवाज के चलते लाइमलाइट में आए। पंजाबी इंडस्ट्री में अपने गानों से धूम मचा चुके दलेर की किस्मत तब चमकी थी जब अमिताभ बच्चन उन्हें कॉल करके गाने का ऑफर दिया।

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दलेर मेहंदी ने अमिताभ बच्चन की फिल्म 'मृत्युदाता' में 'ना ना ना रे' गाना गाया था, जिसके बाद वह बॉलीवुड में भी छा गए और फिर उन्हें कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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साल 1994 में दलेर ने वॉयस ऑफ एशिया इंटरनेशनल एथिक्स और पॉप म्यूजिक कॉन्टेस्ट में अवार्ड जीता, जिसके बाद उन्हें खूब नेम फेम भी मिला। दलेर मेहंदी का मोस्ट पॉपुलर गाना 'तुनक तुनक तुन' आज तक कोई नहीं भूल पाया है।

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बता दें कि 'तुनक तुनक' शब्द को अरबन डिक्शनरी में जगह मिली है। दलेर मेहंदी के कई गाने ऐसे भी हैं जिन्हें सुन आज भी लोग खुद को थिरकने से नहीं रोक पाते हैं।

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