'अनुपमा' के कई ट्विस्ट ने साबित किया कि अनुपमा में नजर आने वाली महिलाओं और पुरुष कई मायनों में मॉडर्न और प्रोग्रेसिव हैं।
Image Source : Instagram अनुपमा ने 50 की उम्र में तलाक लेने का फैसला किया जो ये साबित करता है कि वो एक मॉर्डन नारी है।
Image Source : Instagram इतना ही नहीं अनुपमा का तलाक के बाद दूसरी शादी करना भी उसे प्रोग्रेसिव बनाता है।
Image Source : Instagram अनुपमा की दूसरी शादी के बाद भी पुराने ससुराल के प्रति उसका प्यार और सम्मान दर्शाता है कि वो प्रोग्रेसिव होने के साथ ही अपने संस्कारों से जुड़ी हुई है।
Image Source : Instagram अनुपमा ने एक रेप विक्टिम और तलाकशुदा डिंपी को अपनी बहू के रूप में स्वीकार किया, जो उसके प्रोग्रेसिव विचार को दिखाता है।
Image Source : Instagram गर्ल चाइल्ड अडॉप्शन आज भी हमारे देश में सामान्य नहीं है, लेकिन इस शो में छोटी के अडॉप्शन को सरल और सुलझे तरीके से दिखाया गया।
Image Source : Instagram काव्या का किरदार भी मॉर्डन और प्रोग्रेसिव महिला को दिखाता है। जिस तरह से काव्या और अनुपमा सौतन होते हुए भी सौहार्दपूर्ण तरीके से रहती हैं ये काबिले तारीफ है।
Image Source : Instagram काव्या ने अपनी सौतन के बच्चों से दोस्ताना व्यवहार रखा है, जो उसे प्रोग्रेसिव बनाता है।
Image Source : Instagram किंजल ने पति के धोखे के बाद स्टैंड लिया, जो साबित करता है कि वो भी प्रोग्रेसिव किरदार है।
Image Source : Instagram वनराज का किरदार भी काफी प्रोग्रेसिव है। हाल में ही उसने अपनी पत्नी की कोख में पल रहे किसी और के बच्चे को अपना नाम देने का फैसला किया।
Image Source : Instagram अनुपमा से तलाक के बाद भी वनराज का उसके प्रति दोस्ताना रवैया दिखाता है कि वो प्रोग्रेसिव है।
Image Source : Instagram Next : देश ही नहीं विदेश में भी बोलती है Anupamaa की तूती, इन TV शोज की भी धूम