नागपुर के जयंत तांदुलकर ने दुनिया का सबसे छोटा चरखा बनाया है। जयंत पेशे से महालेखाकार कार्यालय में वरिष्ठ लेखापाल के पद पर कार्यरत है ,लेकिन अपने कलात्मकता का प्रदर्शन करते इन्होने दुनिया का सबसे छोटा चरखा बना डाला। खास बात ये है की इस चरखे में सूत काता भी जा सकता है और यह पूरी तरह से कार्यरत यानी वर्किंग कंडीशन में है। जयंत की इस कलाकृती को देखकर आपकी भी आंखें फटी की फटी रह जाएंगी। इतनी बारीकी से बनाया गया यह चरखा न सिर्फ देखने के लिए है बल्कि इससे काम भी लिया जा सकता है।
दुनिया का सबसे छोटा चरखा बनाया
महात्मा गांधीजी के स्वदेशी संकल्प और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत संकल्प से प्रेरित होकर जयंत ने इस चरखे को बनाया है। यह चरखा 3.20 मिमी लंबा, 2.68 मिमी चौड़ा और 3.06 मिमी ऊंचा बनाया गया है। इस चरखे का वजन 40 मिलिग्राम यानी 0.04 ग्राम है। इसे बनाने के लिए लकड़ी की छोटी स्टिक, स्टील वायर और कॉटन जैसे चीजों का इस्तेमाल किया गया है। इस चरखे की खासियत यह है कि यह इतना छोटा होने के बावजूद भी इस पर बड़े चरखे जैसे सूत की कताई की जा सकती है।
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड 2023 में नाम दर्ज
इस चरखे का इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड 2021 में, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड 2022 में और अब "लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड 2023" में रिकॉर्ड के तौर पर दर्ज किया गया है। नागपुर के जयंत तांदुलकर ने इस चरखे के अलावा नई-नई सृजनात्मक और रचनात्मक कलाकृतियां बनाई हैं। जिसमें कांच की बोतल के अंदर कई तरह के कलाकृतियां बनाई है। जैसे खटिया, पेन स्टैंड, माचिस बॉक्स। इसी प्रकार लकड़ी के माध्यम से छोटी बैलगाडी, सोफा सेट, टेबल और कुर्सी भी बनाई है।
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