"खोजा तेंदुआ, निकला बिल्ला", ये कहावत गलत जरूर है पर इन हालातों पर सटीक बैठती है। दरअसल, मामला ये है कि अचानक अल सुबह भुवनेश्वर के हवाई अड्डे के पास कुछ महिलाओं ने दावा किया कि उन्हें हवाई अड्डे के डंपिंग यार्ड के अंदर एक तेंदुआ दिखाई दिया। खबर मिलते ही वहां लोगों की भीड़ इकठ्ठी हो गई। जिसके बाद लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी। वन विभाग की टीम कुछ देर के अंदर मौके पर पहुंच भी गई। दिन भर डंपिंग यार्ड के पास मौजूद जंगल में तेंदूए को खोजा गया। वन विभाग के अधिकारी जंगल के अंदर तेंदुए के पद चिन्ह खोजते रहे।
तेंदुए को पकड़ने के लिए बिछाया गया जाल
वन विभाग की टीम जाल और अपने अन्य उपकरणों के साथ मौके पर इस उम्मीद के साथ मौजूद थी कि, अगर तेंदुआ जंगल से बाहर आया तो उसे पकड़ कर ले जाएंगे। तेंदुए को ललचाने के लिए टीम ने पिंजरे के अंदर एक मुर्गे को भी लटकाया फिर वहां कैमरे को भी लगाया गया। तेंदुए को पकड़ने की पुरजोर कोशिश होती रही। पूरा दिन बीत गया पर लेकिन तेंदुआ हाथ नहीं आया। हाथ आए तो कुछ पद चिन्ह। पूरा दिन बीत जाने के बाद रात को जो तस्वीर सामने आई उसने वहाँ मौजूद वन विभाग के अधिकारियों और स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया।
तेंदुए की जगह जंगली बिल्ला लगा हाथ
दरअसल, जिस जानवर को तेंदुआ सोच कर दिन भर खोजा जाता रहा था, वह आखिर में एक जंगली बिल्ला निकला। बिल्ले के निकलते ही वन विभाग के अधिकारी आश्वस्त हो गए कि जो पद चिन्ह मिले हैं वो किसी तेंदुए के नहीं बल्कि इस जंगली बिल्ले के हैं। हालांकि इससे पहले भी इलाके में तेंदूए, लोमड़ी, जंगली बिल्ले और सियार देखे जाते रहे हैं पर इस बार वन विभाग के अधिकारियों को एक तेंदुआ नहीं बल्कि एक जंगली बिल्ला ही हाथ लगा। बहरहाल जंगली बिल्ले के दिखने के बाद अब स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है।
(ओड़िशा से शुभम कुमार की रिपोर्ट)
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