सुभाष चंद्र बोस ने भारत को आजादी दिलाने के लिए अपना सबकुछ त्याग दिया। उन्होंने घर छोड़ा, सिविल सर्विस की आरामदेह और पैसे वाली नौकरी भी छोड़ी और क्रांती की राह पर निकल पड़े। अंग्रेजों से आजादी दिलाने में नेताजी ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन्होंने ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ जैसे नारे दिए। नेता जी भारत को आजादी दिलाने के लिए अपनी जान की बाजी तक लगा दी। उन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना की।
क्यों कहते हैं नेता जी
नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मौत आज भी दुनिया के लिए पहेली बनी हुई है। लोगों के मन में कई सवाल आज भी घूमते रहते हैं। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि सुभाष चंद्र बोस को नेता जी क्यों कहते हैं। देश की आजादी के लिए सुभाष चंद्र बोस जर्मनी के तानाशाह अडोल्फ हिटलर से मिले थे। बोस से मिलने के बाद हिटलर उनसे काफी प्रभावित हुआ था। इस दौरान हिटलर ने सुभाष चंद्र बोस को नेता जी कहकर संबोधित किया था। सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 में उड़ीसा के कटक में हुआ था। साल 2021 से सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज उनकी 127वीं जयंती है।
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