दुनिया में बड़े से बड़े कब्रिस्तान हैं। जहां इंसानों को दफनाया जाता है लेकिन धरती पर एक जगह ऐसी भी है जहां इंसानों को नहीं बल्कि मशीनों को दफनाया जाता है। जी हां, इस जगह पर मृत इंसानों को नहीं बल्कि उपग्रहों को दफनाया जाता है। यहां पर उन उपग्रहों को दफन किया जात है जो अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। नासा के अनुसार, इसी जगह पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) को भी दफनाने का प्लान बनाया गया है जो कि कुछ सालों में अपने कार्यकाल से हटने वाला है।
कोई भी इंसान नहीं रहता इस जगह
ये जगह पृथ्वी से काफी अलग-थलग भी है। इस जगह से जमीन का टुकड़ा भी 2700 किलोमीटर दूर है। यहां पहुंचने में ही लोगों को कई दिन लग जाते हैं। इस जगह के आस-पास छोटे-छोटे द्वीप हैं, जहां पक्षियों को छोड़कर कोई नहीं रहता। पानी से घिरा ये इलाका ईस्टर आइलैंड के साउथ और अंटार्कटिका के नॉर्थ में स्थित है। प्वॉइंट निमो 13, 000 फीट से अधिक की गहराई तक डूबा हुआ है।
इस जगह पर मशीनों को दफनाया जाता है
इस जगह का नाम है प्वॉइंट निमो जो प्रशांत महासागर के बीच में स्थित है। इसे ‘उपग्रहों का कब्रिस्तान’ भी कहा जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक निमो प्वाइंट में 300 से अधिक उपग्रहों और स्पेस स्टेशनों को दफन किया गया है। इंटरनेशनल स्पेस सेंटर को भी इस जगह दफनाया जाएगा। जिसे साल 2031 में ऑफिशियली बंद किया जाएगा। 357 फीट लंबा और 4,19,725 किलो वजनी यह स्पेस स्टेशन प्वॉइंट निमो में दफन होने वाला अब तक का सबसे बड़ा स्पेस इक्विपमेंट होगा।
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