पशु-पक्षियों को पालना कई लोगों का शौक होता है। कई लोग इनसे इस कदर जुड़ जाते हैं कि वह इन्हें अपने परिवार का सदस्य मानने लगते हैं। इनकी मौत पर परिवार में भी काफी दुख का माहौल होता है। ऐसा लगता है जैसे परिवार का ही सदस्य चला गया हो। ऐसा ही एक मामला पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले से सामने आया है। जहां मजूमदार परिवार ने ‘भक्तो’ नाम का एक तोता पाल रखा था। कुछ दिन पहले ही उस तोते की मौत हो गई। तोते की मौत से परिवार के लोगों में काफी दुख का माहौल है। परिवार के लोगों का कहना है कि ‘भक्तो’ उनके साथ 25 साल से था।
परिवार के सदस्यों जैसा था 'भक्तो'
अब तोते की मौत के बाद परिजन उसे अपने परिवार का हिस्सा मानते हुए गांव में भोज कराने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने गांव के 25 लोगों को निमंत्रण भी भेजा। मजूमदार परिवार ने तोते के मरने के बाद पूरे रीति-रिवाज़ के साथ ‘भक्तो’ का अंतिम संस्कार किया था। परिजनों ने बताया कि तोता हमारे लिए एक बच्चे की तरह ही था। हमें उससे इतना लगाव हो गया था कि जो हम खाते थे उसे भी वही 3 टाइम खिलाते। वह भी हमें बाबा, दादा और मां पुकारता था।
परिवार ने रीति रिवाज के साथ किया अंतिम संस्कार
तोते की मौत के बारे में मजूमदार परवार ने बताया कि हमारे घर में एक कार्यक्रम चल रहा था। कार्यक्रम के दौरान घर में तेज गाना बज रहा था। अचानक तोता अपने पिंजरे के अंदर फड़फड़ाने लगा। उसे ऐसे हालत में देख हमने उसको पिंजरे से बाहर निकाल कर पानी पिलाया। उसने थोड़ी देर के लिए अपनी आंखें भी खोलीं लेकिन थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई। मजूमदार परिवार के सदस्य तारक ने बताया- “मुझे लगता है कि गानों की तेज आवाज भक्तो के ब्रेन में हिट कर गई होगी।" तोते की मौत की खबर सुनकर गांव के आसपास के लोग भी आ गए। तारक ने अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मैं यहीं चाहता हूं कि भक्तो इंसान के रूप में किसी दूसरे परिवार में जन्म ले। मजूमदार परिवार ने 2 मई को पूरे रीति-रिवाज के साथ तोते का अंतिम संस्कार किया था।
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