देश के कई हिस्सों में बाढ़ आई हुई है। हाल में गुजरात के कुछ इलाके बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इंसानों की जिंदगी जब बाढ़ से बेहाल हो सकती है तो उन जानवरों का सोचिए जो कुछ बोल नहीं सकते ना कुछ समझ सकते हैं। वह इन हालात में कैसे सुरक्षित रख पाते होंगे खुद को। उनके पास तो न कोई रहने के लिए आशियाना है और ना ही कोई व्यवस्था। उनकी जिंदगी तो राम भरोसे ही चल रही है। जबकि, इंसानों के लिए इतना व्यवस्था किया जाता है फिर भी इंसानों की जिंदगी बाढ़ की वजह से बद से बद्तर हो जाती है। लेकिन बेचारे जानवरों का क्या होता होगा इन हालातों में। हाल में ऐसे ही हालात की कहानी बयां करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दो छोटे-छोटे बंदर बाढ़ में फंसे हुए थे जिन्हें इंसान बचाते हुए दिखे। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-नोएडा में यमुना का पानी बढ़ने पर वन विभाग, एनजीओ और दूसरे विभागों के कर्मचारियों ने इन दो छोटे जानवरों को बचाते हुए दिखे।
शख्स ने भूख-प्यास से तड़प रहे बंदरों की जान बचाई
वीडियो इतना मार्मिक है कि पूरा वीडियो को देखने के बाद आपकी आंखें नम हो जाएंगी। वीडियो में देखा जा सकता है कि बंदर के दो बच्चे बाढ़ से बचकर निकले और वह एक ऊंचाई वाली जगह पर सहमे बैठे हुए थे। वह एक दूसरे को सांत्वना दे रहे थे कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। तभी एक शख्स अपने हाथ में उनलोगों के लिए दूध लेकर आता है और बारी-बारी से दोनों को दूध पिलाता है। अगर आप वीडियो को गौर से देखेंगे तो आपको सबसे पहले छोटा बंदर दूध पीता हुआ दिखेगा। वहीं, बड़ा बंदर अपना सिर झुकाए बैठा रहता है। वह छोटे के लिए अपना भूख-प्यास सबकुछ न्यौछावर कर देता है। उसे लगता है कि शायद दूध सिर्फ छोटे को ही मिल पाएगा इसलिए वह खुद की भूख-प्यास को भूलकर यहीं चाहता था कि छोटा सबसे पहले दूध पी ले और उसकी जान बच जाए। मैं रहूं या न रहूं लेकिन मेरे सामने मेरा छोटा भाई न मरे।
देखें ये मार्मिक वीडियो
वह खुद चुपचाप सिर झुकाए बैठा रहता है और अपने आपको सांत्वना देने के लिए अंगूठा चूसते रहता है। वह तब तक खामोश बैठा रहता है जब तक छोटे भाई की भूख प्यास न मिट गई इसके बाद शख्स ने एक बोतल और दूध निकाला और बड़े वाले बंदर को भी पिलाया। सोशल मीडिया पर ये वीडियो धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है। इसे देख लोगों की आंखों में आंसू आ गए। कई लोगों ने वीडियो पर कमेंट किया और कहा कि उस भले मानुस का धन्यवाद जो इन बंदरों की जान बचाया। इससे बड़ा पुण्य का काम कुछ और नहीं हो सकता।
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