कहते हैं सुमद्र में खजाना भरा होता है और उस खजाने को निकालने के लिए इंसान हर एक उपाय आजमाता है। लेकिन कुछ खजानों को समुद्र या उसमें रहने वाले जीव खुद से उगल देते हैं। ऐसे ही व्हेल मछली है। जो कि कभी-कभी उल्टी करती है। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि ये व्हेल की उल्टियां करोड़ों रुपए में बिकती है। आखिर व्हेल मछली की उल्टी इतनी महंगी क्यों है और यह कितनी महंगी होती है? कुछ ऐसे देश भी हैं जहां व्हेल मछली की उल्टी की डिमांड बहुत ही ज्यादा होती है। ये सबकुछ आपको इस खबर में पढ़ने को मिलेगा।
इतने में बिकती है व्हेल की उल्टी
दरअसल, असम के गुवाहाटी में डिवीजनल प्रिवेंटिंव फोर्स ने व्हेल की साढ़े 11 किलो उल्टी जब्त की है। व्हेल मछली के उल्टी की कीमत इंटरनेश्नल मार्केट में लगभग 27 करोड़ रुपए बताई गई है। यानी 1 किलो व्हेल की उल्टी की कीमत 2 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये इतनी महंगी क्यों है? व्हेल की उल्टी को एम्बरग्रीस भी बोला जाता है। यह एक फ्रांसीसी शब्द है। एम्बरग्रीस को फ्लोटिंग गोल्ड भी कहा जाता है। एम्बरग्रीस एक ठोस और मोम जैसा पदार्थ होता है जो स्पर्म व्हेल की आँतों से निकलता है। जलजीवों के विशेषज्ञ इसे व्हेल मछली का मल बताते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि व्हेल मछली समुद्र में रहने वाले ऐसे चीजों को खा लेती है जिसे वह पचा नहीं पाती है। जिसके बाद वह अपने शरीर से उन्हें बाहर कर देती है। उनके शरीर से निकलने वाले इन पदार्थों में ही व्हेल की उल्टी भी शामिल होती है। यह स्लेटी रंग की होती है।
इसलिए इतनी महंगी है व्हेल की उल्टी
व्हेल की उल्टी से कॉस्मेटिक क्रिम बनाई जाती है जो कि काफी महंगे बिकते हैं। इसकी उल्टी को दवाईयां बनाने वाली कंपनियां भी इस्तेमाल करती हैं। इसके अलावा इत्र बनाने वाली कंपनियां भी व्हेल की उल्टी का इस्तेमाल करती हैं। इसकी कीमत की बात करें तो इंटरनेशनल मार्केट में 2 किलो एम्बरग्रीस की कीमत 4 करोड़ से भी अधिक होता है। आपको बतातें चलें कि अरब देशों में व्हेल की उल्टी की डिमांड काफी ज्यादा होती है। इन देशों में इत्र बनाने वाली कई ऐसी कंपनियां हैं जो व्हेल की उल्टी के लिए मुंहमांगी कीमत तक देने को तैयार रहती हैं। अरब के देशों में इत्र सबसे ज्यादा बनाया जाता है और इत्र बनाने के लिए जो चीज प्रयोग की जाती है उसमें व्हेल की उल्टी प्रमुख होती है। सेंट बनाने के लिए इसकी बहुत जरूरत पड़ती है। व्हेल की उल्टी की गंध बहुत बुरी होती है लेकिन जैसे ही इसकी गंध हवा में घुलती है यह खुशबू बन जाती है।