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14 हजार फीट की ऊंचाई से गिरने के बाद भी बच गई लड़की की जान, जानें कैसे दी मौत को मात

14 हजार फीट की ऊंचाई से गिरकर भी जिंदा रहना किसी चमत्कार से कम नहीं है। कुछ ऐसा ही हुआ एक लड़की के साथ, जो स्काईडाइविंग के दौरान गिरने के बाद बच गई।

Written By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Published : Mar 31, 2025 15:02 IST, Updated : Mar 31, 2025 15:02 IST
स्काईडाइविंग के दौरान गिरी लड़की
Image Source : SOCIAL MEDIA स्काईडाइविंग के दौरान गिरी लड़की

स्काईडाइविंग एक ऐसा रोमांचकारी खेल है, जिसमें हिम्मत और साहस की जरूरत होती है। टेक्निकल स्किल्स तो जरूरी है ही लेकिन बिना हिम्मत और साहस के कोई हजारों फीट की ऊंचाई से नहीं कूदेगा। मालूम हो कि, स्काईडाइविंग के लिए जो सबसे जरूरी चीज होती है वह आपका पैराशूट है। सोचिए अगर इस दौरान किसी का पैराशूट न खुले तो इस स्थिति में क्या होगा। आमतौर पर यह स्थिति किसी भी स्काईडाइवर के लिए सबसे भयावह सपने जैसी हो सकती है, लेकिन एक महिला ने इस डरावने सपने को सच होते हुए भी देखा है और इससे बचकर जिंदा लौटी है। यह कहानी है एम्मा केरी की, जिन्होंने 14 हजार फीट की ऊंचाई से गिरने के बाद भी न सिर्फ जिंदा रहने का कारनामा किया, बल्कि अपनी इस घटना को एक प्रेरणादायक अनुभव में बदल दिया।

घटना का रोमांच और खतरा

साल 2013 में स्विट्जरलैंड में छुट्टियां मनाने गईं एम्मा ने स्काईडाइविंग करने का सोचा। यह उनके लिए एक रोमांचक अनुभव होने वाला था। हेलीकॉप्टर से बाहर कूदते ही वे फ्रीफॉल की स्थिति में थीं, लेकिन जल्द ही उन्हें यह एहसास हुआ कि कुछ गलत हो रहा है। उनका पैराशूट ठीक से नहीं खुल रहा था और हवा में फड़फड़ा रहा था। उनके साथ मौजूद ट्रेनर ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन पैराशूट की रस्सियां उलझ गईं और ट्रेनर बेहोश हो गया। देखते ही देखते एम्मा और उनका ट्रेनर 14 हजार फीट की ऊंचाई से नीचे की ओर गिरने लगे।

चमत्कारिक रूप से बची जान

इतनी ऊंचाई से गिरना आमतौर पर मौत का पर्याय माना जाता है, लेकिन एम्मा के साथ ऐसा नहीं हुआ। वे एक ढलान वाली पहाड़ी पर गिरीं, जहां पेड़ों और झाड़ियों ने उनकी गिरने की गति को धीमा कर दिया। यह प्रकृति का एक अद्भुत संयोग था कि उनकी जान बच गई। हालांकि, इस हादसे में उन्हें कई चोटें आईं, लेकिन वे जिंदा थीं। बाद में उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज शुरू हुआ।

एम्मा का अनुभव और सबक

इस हादसे के बाद एम्मा ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, "जब मैं गिर रही थी, मुझे अपने परिवार की याद आई। मुझे लगा कि मैंने अपनी जिंदगी को पूरी तरह से नहीं जिया। उस पल में मुझे ऐसा लगा जैसे मैं स्वर्ग में हूं।" इस घटना ने उनकी सोच को बदल दिया। उन्होंने इसे एक दूसरा मौका माना और जिंदगी को नए सिरे से जीने का संकल्प लिया।

स्काईडाइविंग में सुरक्षा का महत्व

एम्मा की यह कहानी हमें स्काईडाइविंग जैसे खेलों में सुरक्षा के महत्व को याद दिलाती है। आमतौर पर स्काईडाइवर्स के पास एक रिजर्व पैराशूट होता है, जो मुख्य पैराशूट के फेल होने पर काम आता है। लेकिन एम्मा के मामले में यह भी संभव नहीं हो सका। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हादसों से बचने के लिए उपकरणों की नियमित जांच, प्रशिक्षण और आपात स्थिति के लिए तैयारी बेहद जरूरी है।

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