देश के जाने माने उद्योगपति रतन टाटा की तबीयत खराब होने की खबरें सामने आईं थी। बताया जा रहा था कि उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब इन खबरों पर विराम लगाने के लिए रतन टाटा ने खुद अपने एक्स हैंडल से अपना हेल्थ अपडेट दिया है। उन्होंने बताया कि वे अस्पताल में अपने रेगुलर रूटीन चेकअप के लिए गए थे। उनकी तबीयत बिल्कुल ठीक है और उन्होंने लोगों से अपील की है कि लोग अफवाहों पर ध्यान ना दें।
सोशल मीडिया पर अक्सर वायरल होते रहती हैं तस्वीरें
रतन टाटा की तबीयत खराब होने की खबर जैसे ही मीडिया में सामने आई। लोग सोशल मीडिया पर भी उनके वीडियो और फोटो शेयर करते हुए उनकी अच्छी सेहत की दुआ करने लगे। खैर सोशल मीडिया पर अक्सर रतन टाटा जी के वीडियो और फोटोज़ वायरल होते रहते हैं। जो लोगों को मोटिवेट करने का काम करते हैं। आज दुनिया के हर इंसान के लिए रतन टाटा एक प्रेरणाश्रोत हैं। अगर आपने कभी गौर किया हो तो आपने देखा होगा कि रतन टाटा के साथ एक कम उम्र का लड़का हमेशा साए की तरह उनसे चिपका रहता है। कई लोग उसे उनका बेटा मान लेते हैं तो कई लोग उनका रिश्तेदार। लोगों को हमेशा इस लड़के को लेकर भ्रम बना रहता है कि आखिर ये लड़का कौन है? तो चलिए आज हम आपका ये भ्रम दूर कर देते हैं और बताते हैं कि आकिर ये लड़का है कौन, जिसे रतन टाटा अपने बेटे की तरह प्यार करते हैं।
कौन है ये लड़का
दरअसल, इस लड़के का नाम शांतनु नायडू है और ये लड़का रतन टाटा का मैनेजर और पर्सनल असिस्टेंट है। शांतनु नायडू पिछले कुछ सालों से रतन टाटा के साथ काम कर रहे हैं। वे रतन टाटा के ऑफिस में महाप्रबंधक हैं। रतन टाटा के कारोबार के साथ-साथ उनके निवेश को भी शांतनु ही हैंडल करते हैं। रतन टाटा शांतनु को अपने बेटे की तरह मानते हैं।
शांतनु नायडू का करियर
शांतनु एक ऑटोमोबाइल डिजाइन इंजीनियर हैं और उन्होंने कॉर्नल से MBA भी किया है। कॉर्नल से MBA करने के लिए रतन टाटा ने ही शांतनु की मदद की थी। इसके बाद रतन टाटा खुद शांतनु के ग्रेजुएशन प्रोग्राम में शामिल होने कॉर्नल यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। बाद में शांतनु को टाटा के साथ काम करने का मौका मिला। शांतनु की खुद की भी कंपनी है। जिसका नाम गुडफेलो है। यह कंपनी बुजुर्गों को उनके अंतिम क्षणों में बेहतरीन सुविधाएं देने का काम करती है। इसके अलावा उनकी एक NGO भी है। जिसका नाम मोटोपॉज है। ये कंपनी कुत्तों के लिए रिफलेक्टर कॉलर बनाती है। जो अंधेरे में चमकते हैं और उन्हें सड़क पर होने वाले हादसों से बचाती है। इस NGO को शुरु करने के लिए शांतनु के पास इतने पैसे नहीं थे इसलिए शांतनु ने अपने पिता के कहने पर रतन टाटा को अपने हाथों से पत्र लिखा। फिर रतन टाटा नें शांतनु से मिलने के लिए न्यौता भेजा।
शांतनु के आइडिया के फैन हैं रतन टाटा
29 साल की उम्र में शांतनु रतन टाटा के साथ काम करना शुरु किए थे। शांतनु अपने इनोवेटिव आइडियाज़ से रतन टाटा का दिल जीत चुके है। उनका हर आइडिया रतन टाटा को बहुत पसंद आता है इसलिए टाटा के स्टार्ट अप निवेश के लिए शांतनु ही आइडिया देते हैं। शांतनु नायडू पहली बार तब टाटा के साथ दिखे थे जब साल 2021 में उनके बर्थडे पर वह एक साथ दिखे थे। उसके बाद तो शांतनु हर वक्त टाटा के साथ ही दिखते हैं।
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