पैगंबर मोहम्मद की तस्वीर को लेकर हमेशा से कुछ न कुछ बवाल हुआ है। अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुन आप भी हैरान हो जाएंगे। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां एक प्रोफेसर को अपने स्टूडेंट्स को पैगंबर मौहम्मद की तस्वीर दिखाना भारी पड़ गया। मामला अमेरिका के हैमलिन यूनिवर्सिटी का है। यहां पर एक प्रोफेसर ने लेक्चर के दौरान 14 शताब्दी की मोहम्मद पैगंबर की तस्वीर सारे स्टूडेंट्स को दिखाई। जिसके बाद एक मुस्लिम छात्रा को यह ठीक नहीं लगा और उसने प्रफेसर की शिकायत कर दी। जिसके बाद प्रोफेसर पर कार्रवाई की गई।
प्रोफेसर ने दिखाई पैगंबर मोहम्मद की 14वीं शताब्दी की पेंटिंग
फॉक्स न्यूज़ के रिपोर्ट के अनुसार प्रोफेसर ने तस्वीर दिखाने से पहले छात्रों से पूछा था कि अगर किसी को आपत्ति न हो तभी वह इस तस्वीर को दिखाएंगे। लेकिन उस वक्त किसी ने इसके खिलाफ नहीं बोला। लेकिन बाद में एक मुस्लिम स्टूडेंट ने प्रोफेसर की शिकायत कर दी। आराम वेदताल्ला नाम की स्टूडेंट ने कहा कि यह घटना उसके धर्म पर हमला है। इसलिए उसने प्रफेसर की शिकायत की बाद में प्रोफेसर को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। वहीं प्रोफेसर एरिका लोपेज प्रैटर का कहना है कि उन्होंने पेंटिंग दिखाने से पहले छात्रों से पूछा था कि किसी को इस मामले से दिक्कत तो नहीं है, अगर है तो वह छात्र क्लास के बाहर चला जाए। लेकिन उस वक्त किसी ने भी इसका विरोध नहीं किया और ना ही क्लास छोड़कर गया। मामला बीते साल के अक्टूबर का है पर अब जाकर इससे जुड़ी रिपोर्ट सामने आई है।
प्रोफेसर को नौकरी से धोना पड़ा हाथ
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोईट के अनुसार, प्रोफेसर को हैमलिन यूनिवर्सिटी की प्रेसीडेंट फैयनीज मिलर ने नौकरी से निकाल दिया है। प्रोफेसर से कहा गया है कि एकेडमिक स्वतंत्रता से उपर मुस्लिम स्टूडेंट्स के सम्मान को उपर रखा गया है। जिसके बाद हैमलिन यूनिवर्सिटी की प्रेसीडेंट मिलर ने बच्चों को लेटर लिखकर माफी मांगी। प्रेंसीडेंट ने बताया कि पैगंबर की तस्वीर कुछ मीनटों तक स्क्रीन पर रहीं थी लेकिन हमने फिर भी कार्रवाई की क्योंकि अकेडमिक स्वतंत्रता से ज्यादा जरूरी मुस्लिम स्टूडेंट्स का सम्मान है। शिकायत करने वाली स्टूडेंट को बाकी मुस्लिम छात्रों का खूब सपोर्ट मिल रहा है वहीं नौकरी से निकाले गए प्रोफेसर के भी समर्थन में लोग उतर आए हैं और उनके लिए पिटीशन साइन करवाई जा रही है।