साल 1990, जब एक विमान आसमान की ऊंचाइयों में था तब अचानक से प्लेन के सामने वाला विंडशील्ड टूट गया। प्लेन उस वक्त 17,000 फीट की ऊंचाई पर थी। यह प्लेन ब्रिटिश एयरवेज़ की फ्लाइट 5390 थी। जिसमें विंडशील्ड के टूटने के बाद कॉकपिट में गड़बड़ी होने लगी। इस दौरान कॉकपिट में मौजूद पायलट टिम लैंकेस्टर उड़ते हुए प्लेन से बाहर निकल गया। पायलट की किस्मत अच्छी थी कि उस प्लेन का एक फ्लाइट अटेंडेंट, निगेल ओग्डेन, उस समय कॉकपिट में जा रहा था। पायलट को विंडशील्ड से बाहर निकलता हुआ देख ओग्डेन ने उसे पकड़ लिया। फ्लाइट अटेंडेंट ने बाहर निकले पायलट को 20 मिनट से अधिक समय तक पकड़े रहा। जबकि को-पायलट ने प्लेन की तत्काल इमरजेंसी लैंडिंग करवाई।
बाहर हवा में झूल रहा था पायलट
इस घटना में चालक दल के अधिकांश लोगों ने मान लिया था कि पायलट की जान पहले ही जा चुकी है, लेकिन ओग्डेन पायलट को पकड़े रहा और उसे तब तक नहीं छोड़ा जब तक प्लेन लैंड नहीं हो गया। फ्लाइट अटेंडेंट को यह बात अच्छे से पता थी कि अगर उसने पायलट को छोड़ दिया तो पायलट का शरीर विमान के इंजन, विंग या स्टेबलाइज़र से टकरा सकता है, जिससे प्लेन क्रैश भी हो सकता है। ओग्डेन को बस इतना पता था कि पायलट धीरे-धीरे खिड़की से बाहर फिसल रहा था और उसका सिर लगातार हवाई जहाज के ढांचे से टकरा रहा था।
बच गई पायलट की जान
अंत में खुली खिड़की के साथ 20 मिनट की कष्टदायक उड़ान के बाद, विमान को साउथेम्प्टन हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से नीचे उतार लिया गया। घटना के दौरान पायलट को बचाने में फ्लाइट अटेंडेंट भी घायल हो गया था। ओग्डेन के चेहरे पर फ्रॉस्टबिट हुई थी, उसकी एक आंख को नुकसान पहुंचा और कंधे की हड्डी उखड़ गई थी। वहीं, चमत्कारी रूप से, पायलट टिम लैंकेस्टर की जान बच गई उसे भी फ्रॉस्टबिट हुआ और उसके बाँह और हाथों में कई फ्रैक्चर हुए थे।
फ्लाइट 5390 के हीरोज़: चालक दल से घिरे कैप्टन टिम लैंकेस्टर, बाएं से, एलिस्टार एटिसन, जॉन हॉवर्ड, निगेल ओग्डेन, सुसान प्रिंस और साइमन रोजर्स। वे एक ऐसी टीम थे जो एक-दूसरे का और मानवता का ख्याल रखने के लिए प्रतिबद्ध थे। उनकी कहानी हमेशा वीरता का एक अच्छा उदाहरण रहेगी।
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