पिछले कुछ समय से इंफोसिस के मालिक नारायण मूर्ति सोशल मीडिया पर लोगों की आखों के नासूर बने हुए हैं। जब से उन्होंने यह बात कही थी कि एक इंसान को हफ्ते में लगभग 72 घंटे काम करना चाहिए। उनके इस कथन को लेकर उनकी बड़ी फजीहत हुई थी। अब आलम ये है कि लोग उनके हर पोस्ट पर उन्हें ट्रोल करने लगते हैं। हाल में ही उन्होंने पेरेंटिंग को लेकर लोगों को टिप्स दिया था। जिसके बाद तो उन्हें इंटरनेट यूजर्स ने कहीं का नहीं छोड़ा। लोगों ने उनके पुराने बयान को लेकर उनसे ही सवाल करना शुरू कर दिया।
चलिए अब आपको बताते हैं कि पूरा मामला है क्या?
दरअसल, नारायण मूर्ति ने एक कार्यक्रम के दौरान पेरेंटिंग टिप्स देते हुए कहा कि माता-पिता खुद फिल्म देखते हुए बच्चों को पढ़ाई के लिए नहीं कह सकते। उन्होंने आगे कहा कि मैं और मेरी पत्नी सुधा मूर्ति अपने बच्चों के स्कूल के दिनों में उन्हें पढ़ाने के लिए रोज शाम साढ़े तीन घंटे से अधिक समय निकालते थे। मूर्ति ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई के लिए घर में अनुशासन का माहौल बनाना माता-पिता का काम है। अब उनके इस ताजे बयान को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें ट्रोल कर दिया।
लोगों ने जमकर किया ट्रोल
नारायण मूर्ति के बयान पर रेणुका जैन नाम की यूजर ने कमेंट करते हुए कहा कि, "अगर माता-पिता आपकी सलाह के अनुसार 72 घंटे काम करेंगे तो वे बच्चों को समय कब देंगे?" ईश्वर सिंह नाम के यूजर ने कमेंट करते हुए कहा कि, "माता-पिता और बच्चों को फिल्में देखना बंद कर देना चाहिए और कम वेतन पर प्रति सप्ताह 72 घंटे और वो भी नाइट शिफ्ट में काम करना चाहिए। वाह! एक अन्य यूजर ने कमेंट किया और लिखा - मिसाल कायम करने के लिए, क्या @Infosys अपने कर्मचारियों को जल्दी छुट्टी देगी, ताकि माता-पिता 3.5 घंटे बच्चों के साथ बैठ सकें? वैसे, अनुशासित लोग टैक्स से बचते हैं? इस सेवानिवृत्त व्यक्ति को आराम करने की सलाह दीजिए।
देश के युवाओं को 72 घंटे काम करने को कहा था
बता दें कि, नारायण मूर्ति ने पिछले साल एक पॉडकास्ट में कहा था कि जापान और जर्मनी की तरह भारत में युवाओं से ओवरटाइम वर्क कराने की जरूरत हैं क्योंकि भारत की वर्क प्रोडक्टिविटी काफी कम है। साथ में उन्होंने देश के युवाओं को हफ्ते में 72 घंटे काम करने के लिए कहा था, जिसके बाद लोगों का गुस्सा उन पर फूट पड़ा और लोगों ने उस वक्त भी उनके बयान की घनघोर निंदा की थी। लोगों को उनका यह बयान काफी बेतुका लगा था। इसी बयान के बाद से लोग में इनके खिलाफ काफी आक्रोश है, लोगों का मानना है कि वे अब रिटायर हो चुके हैं इसलिए इन्हें अब आराम करना चाहिए ना कि दूसरों की जिंदगी पर अपने फालतू के ज्ञान देना चाहिए। दुनिया जैसे चल रही है वैसे ही चलेगी, इनके ज्ञान से कोई बदलाव नहीं होने वाला।
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