मेहरान करीमी नासेरी, आपने शायद इनका नाम सुना होगा। यह वही शख्स हैं जो पिछले कई वर्षों से एक एयरपोर्ट पर रहते आ रहे थे। यह वही शख्स हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि इन्होने पेरिस के एयरपोर्ट पर अपना घर बना लिया है। अब मेहरान करीमी की मौत हो गई है। पेरिस के एयरपोर्ट पर लगभग 18 वर्ष गुजारने के बाद अब उनकी मौत हो गई। लेकिन क्या आपको मालूम है कि वे इतने समय तक एयरपोर्ट पर क्यों रह रहे थे?
कई देशों से निकाले गए थे नासेरी
दरअसल 1945 में ईरान में जन्मे नासेरी अपनी मां को ढूंढते हुए यूरोप आए थे। मां की तलाश करते हुए उन्होंने कुछ साल बेल्जियम में बिताए, लेकिन उनके पास कानूनी कागजात ही नहीं थे। जिसकी वजह से उन्हें यूके, नीदरलैंड, और जर्मनी समेत कई देशों से निकाल दिया गया। तब से नासेरी ने 1988 में रोइसी चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे के एक छोटी सी जगह में अपना घर बना लिया था। उनके जीवन पर साल 2004 में द टर्मिनल नाम की एक फिल्म बनी थी।
रोइसी चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे पर तैनात एक अधिकारी ने बताया कि, कई देशों से निकाले जाने के बाद नासेरी को फ्रांस की सरकार ने अपने देश में रहने का अधिकार दिया था, लेकिन वह कुछ हफ्ते पहले हवाई अड्डे पर लौट आया, और यही उनकी मृत्यु हो गई।
फ़्रांस ने अपने देश में रहने का दिया था अधिकार
जानकारी के अनुसार, साल 1999 में शरणार्थी का दर्जा दिए जाने और फ्रांस में रहने के अधिकार के बावजूद, वह 2006 तक हवाई अड्डे पर रहे, जिसके बाद उन्हें एक बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने कहा कि नासेरी कुछ हफ्ते पहले हवाई अड्डे पर लौट आए, जहां वे तब तक रहे जब तक उनकी मृत्यु नहीं हो गई।