एक शख्स ने अपने जॉब के पहले दिन ही अपना इस्तीफा दे दिया। इसके पीछे शख्स ने अपने मैनेजर का टॉक्सिक व्यवहार बताया। शख्स ने अपना रेजिग्नेशन लेटर सोशल साइट रेडिट पर शेयर किया है। जो अब तेजी से वायरल हो रहा है। शख्स के पोस्ट के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर ऑफिस में टॉक्सिक वर्क कल्चर को लेकर चर्चा होने लगी।
बॉस ने पहले ही दिन कर डाली ऐसी डिमांड
शख्स ने बताया कि वह बहुत ही काफी दूर तय कर के ऑफिस जाता है। इस इंडस्ट्री में उसकी सैलरी भी काफी कम थी। इन सबके बावजूद उसका मैनेजर उससे यह चाहता था कि शख्स बिना किसी इंसेंटिव के ओवर टाइम काम करे। इतना ही नहीं, जब उस शख्स ने अपने बॉस से वर्क-लाइफ बैलेंस की बात की तो, बॉस ने इसे सिर्फ एक “फैंसी टर्म” और “वेस्टर्न कल्चर” बताकर उसकी बात को काट दिया। इसके बाद शख्स के बॉस ने उसे धमकी देते हुए “रात भर काम करने” को कहा। इसके अलावा, उसे तब और भी बुरा लगा जब उसके बॉस ने बेवजह डांटा और उससे ऐसा व्यवहार किया, जो उसे कहीं से भी अच्छा नहीं लगा।
शख्स ने रेडिट पर शेयर किया अपना अनुभव
शख्स का नाम श्रेयस है और वह पेशे से एक प्रोडक्ट डिजाइनर है। श्रेयस ने अपने इस अनुभव को Reddit पर शेयर करते हुए ऑनलाइन कम्युनिटी से UI/UX जॉब के लिए रेफर करने की भी अपील की है। श्रेयस ने रेडिट पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मेरे पहले दिन के आखिरी वक्त में, 7 अक्टूबर को, मेरे रिपोर्टिंग मैनेजर ने यह साफ कर दिया कि वह मुझसे ओवरटाइम करवाना चाहता है। वो भी बिना किसी इंसेंटिव के। जब मैंने उनसे ‘वर्क-लाइफ बैलेंस’ की बात की तो उन्होंने इसे ‘फैंसी टर्म’ और ‘वेस्टर्न डेवलप देशों का कल्चर’ बोलकर मेरा बहुत ही मजाक उड़ाया। जब मैंने उनसे पढ़ने और एक्सरसाइज करने के लिए अपने टाइम की बात की तो वो इसे सिर्फ एक बहाना बताकर खारिज कर दिया।"
टॉक्सिक वर्क कल्चर में नहीं हो सकता काम
श्रेयस ने आगे अपनी बात पूरी करते हुए लिखा, “गलतफहमी से बचने के लिए, मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मुझे वर्किंग ऑवर्स के बाद एक मिनट भी काम करने में कोई परेशानी नहीं है. लेकिन दिक्कत तब होती है जब मैं यह कहता हूं कि काम के बाहर भी मेरे पास एक लाइफ है और मुझे पढ़ने जैसे शौक हैं। जिसके बदले मुझे बेइज्जत किया जाता है। मुझे जलालत का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, मुझे कम वेतन मिलता है, यहां कोई ओवरटाइम पॉलिसी नहीं है और फिर भी हर दिन 12-14 घंटे काम करने की उम्मीद की जाती है। मैं इतना मेच्योर हूं कि समझ सकूं कि शोषण, खराब माहौल और सामान्य कार्यस्थल में क्या अंतर होता है।”
7 लाख का मिला था पैकेज
श्रेयस को उनके इस ऑफिस में एसोसिएट प्रोडक्ट डिज़ाइनर की जॉब मिली थी। जिसके लिए उन्हें 7 LPA (लाख रुपए प्रति वर्ष) का पैकेज मिला थ। इस ऑफर से श्रेयस पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थे। उन्हें ऐसा लगता था कि उनके दो साल की अनुभव के हिसाब से उन्हें इस फिल्ड में काफी कम सैलरी मिल रही है। इस ऑफर को श्रेयस ने इसलिए स्वीकार किया था क्योंकि उनकी ये जॉब वर्क फ्रॉम होम थी। श्रेयस को अब नई नौकरी की तलाश है और श्रेयस ने यह भी कहा कि वह ऑफिस में, हाइब्रिड या पूरी तरह से रिमोट किसी भी सेटअप में काम करने को तैयार हैं।
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