AIIMS Rishikesh में एक महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ करने और उसे MMS भेजने वाले आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने अस्पताल के चौथे मंजिल पर गाड़ी चढ़ा दी। इस दौरान पुलिस की गाड़ी इमरजेंसी वार्ड से मरीजों के बीच होकर गुजरी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि अस्पताल के ‘वेटिंग एरिया’ से पुलिस के गाड़ी के गुजरने के लिए सुरक्षा गार्ड स्ट्रेचर को रास्ते से हटाते और इधर-उधर भागते दिख रहे हैं। वहीं इस घटना से घबराए मरीज अपने बिस्तरों से उठकर बैठ गए हैं। पुलिस की गाड़ी दोनों तरफ मरीजों के बिस्तरों की कतारों के बीच से होकर गुजरती हुई नजर आ रही है। वहीं, सुरक्षा बल के कर्मचारी दौड़कर आते और बिस्तरों को एक तरफ धक्का देते हुए पुलिस वाहन के लिए जगह बनाते दिखाई दे रहे हैं।
अस्पताल के चौथे मंजिल पर पुलिस गाड़ी लेकर क्यों पहुंची
घटना को लेकर देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अजय सिंह ने बताया, ‘‘महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ की घटना के बाद रेजीडेंट डॉक्टरों ने आक्रोशित होकर आरोपी के खिलाफ धरना दिया। ऐसे में आरोपी को सुरक्षित रूप से बाहर लाना और उसे पुलिस थाने तक ले जाना बहुत जरूरी था।’’ SSP ने बताया कि आरोपी को अस्पताल से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पुलिस की गाड़ी को रैंप का इस्तेमाल करके अस्पताल की चौथी मंजिल तक पहुंचाया गया। ऐसा करने के लिए पुलिस ने एम्स प्रबंधन से अनुमती ले ली थी।
घटना के तूल पकड़ते ही मनोरोग वार्ड में भर्ती हो गया था आरोपी
छेड़छाड़ की घटना के तूल पकड़ते ही आरोपी नर्सिंग ऑफिसर सतीश कुमार अस्पताल के मनोरोग वार्ड में भर्ती हो गया। जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है। मामले को लेकर एक जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर ने बताया कि आरोपी मनोरोग वार्ड में इसलिए भर्ती हो गया था क्योंकि वह दिखाना चाहता था कि उसने मानसिक रोग से ग्रस्त होने के कारण यह अपराध किया है। SSP ने कहा कि आरोपी को पुलिस वाहन में चौथी मंजिल से पहली मंजिल तक लाया गया। जहां से उसे ‘वेटिंग एरिया’ के जरिए बाहर निकाला गया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा न किया जाता तो पीटकर मार डालने की घटना भी हो सकती थी।’’
आरोपी ने महिला डॉक्टर से की थी छेड़छाड़
आरोपी ने जूनियर रेजीडेंट महिला डॉक्टर के साथ ट्रामा वार्ड के ऑपरेशन थियेटर में 19 मई को छेड़छाड़ की थी। पीड़ित चिकित्सक ने 21 मई को पुलिस से शिकायत की जिसके बाद उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। SSP ने बताया कि आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 354 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी ने अस्पताल प्रशासन को अपना लिखित माफीनामा दिया। घटना के बाद उसे निलंबित कर दिया गया लेकिन अन्य डॉक्टर उसकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं।
मामले को लेकर AIIMS डायरेक्टर ने क्या कहा
एम्स की निदेशक मीनू सिंह ने सोशल मीडया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर बताया कि एक घटना हुई थी जिसमें महिला चिकित्सक से दुर्व्यवहार हुआ और आरोपी मनोरोग वार्ड में भर्ती था। उन्होंने कहा कि डॉक्टर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे और उन्होंने वार्ड का घेराव कर लिया था। निदेशक ने कहा, ‘‘आरोपी को बाहर निकालने के लिए पुलिस ने वाहन का इस्तेमाल किया। हमारी बैटरी संचालित वाहनों के लिए इस्तेमाल होने वाले रैंप का पुलिस ने इस्तेमाल किया।
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