तेंदुए अक्सर इसानों के रिहायशी इलाकों में भटकते हुए आ जाते हैं। कभी-कभी ये तेंदुए अपने बच्चों को इंसानों के बीच ही छोड़कर भटक जाते हैं। ऐसे में कई लोग इन जानवरों को देख लेते हैं तो उन्हें पत्थर मारने लगते हैं या फिर कुछ लोग इन्हें वापस जंगल की ओर भेजने में उनकी मदद करते हैं। इंसानियत के नाते लोगों को यहीं करना भी चाहिए क्योंकि हमने जानवरों से उनके घरों को चीन लिया है और वहां पर अपना बसेरा बना लिया। कुछ ऐसा ही मिशाल गुजरात के बारडोली तहसील के ताजपोर गांव के लोगों ने कायम किया। यहां एक तेंदुए का शावक अपनी मां से बिछड़ गया था। जिसके बाद गांव के लोगों ने वन विभाग की मदद से बच्चे को उसकी मां से मिला दिया।
खेत में मिला 2 दिन का तेंदुए का शावक
दरअसल, गुजरात के बारडोली तहसील के ताजपोर गांव में निलेश पटेल के खेत में दो दिन का तेंदुए का बच्चा मिला था। नितेश पटेल ने इसकी जानकारी वन विभाग की टीम को दी। सूचना पाते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और दो दिन पहले जन्मे तेंदुए के बच्चे को वन विभाग ने चिकित्सक से जांच कराया और उसके भोजन का प्रबंध किया। इसके बाद वन विभाग की टीम ने बच्चे को मां से मिलवाने की मुहिम शुरू की।
रात को खेत में मादा तेंदुआ बच्चे को लेने पहुंची
वन विभाग की टीम ने जहां से बच्चा मिला था वहीं खेत में एक बक्से में बच्चे को रख दिया। फिर वन विभाग ने बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए आसपास 4G CCTV कैमरे लगाए। जैसे ही रात हुई लगभग 8 बजे के करीब मादा तेंदुआ खेत में उसी जगह पर आई। बच्चे की आवाज सुनकर मादा तेंदुआ बक्से में रखे बच्चे के पास आई और वह बक्से को खोलने की कोशिश करने लगी। थोड़ी देर बाद उसने बक्से के अंदर से अपने बच्चे को बाहर निकाल लिया और उस अपने मुंह में दबाकर वहां से निकल गई। मां से बच्चे का सुखद पुनर्मिलन का यह वीडियो पास में लगे CCTV में कैद हो गया।
(सूरत से शैलेश चापानेरिया की रिपोर्ट)