तकनीक, सभ्यता और संस्कृति का बेहतरीन उदाहरण पेश करता जापान का वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब वायरल हो रहा है। जिसमें लोगों की लाइफस्टाइल से लेकर वहां की सार्वजनिक सेवाओं का नजारा दिखाया गया है। इन वीडियो को देख आप समझ जाएंगे कि जापान की तरक्की का राज यही है। वहां के लोगों में अनुशासन बचपन से ही कूट-कूटकर भरी हुई है। वहां के लोग हमेशा राष्ट्र हित के लिए ही काम करते हैं। शायद इसी वजह से तमाम दंश झेलने के बाद भी आज जापान मजबूती से ताकतवर देशों की कतार में खड़ा है।
जापान ने सदियों तक भूकंप का झटका झेला है इसलिए आज इस देश में बनने वाली भूकंपरोधी इमारतें और घर कुछ इस लेवल की बनाई गई हैं कि उन पर भूकंप का कोई असर नहीं होता।
जापान में प्लेटफॉर्म सुरक्षा देख आप समझ सकते हैं कि यहां रहने वाले हर एक इंसान का जीवन कितना मूल्यवान है।
जापान में बच्चों को सबसे पहले सिखाया जाता है अनुशासन का पाठ।
जापान में ग्राहक सेवा इस लेवल की होती है, वीडियो देख आप समझ सकते हैं कि वहां ग्राहक सच में भगवान जैसे ही होते हैं।
जापान में ग्राहक सेवा का अपना अलग ही अंदाज है। जब आपको जापान में किसी सबवे स्टेशन पर मदद की ज़रूरत होती है, तो कस्टमर सर्विस असिस्टेंट सचमुच दीवार से बाहर निकल आता है।
ऐसी अनुशासित जनता आपको किसी भी देश में नहीं देखने को मिलेगी। कुछ ऐसे ही होते हैं जापान के अधिकतर लोग।
जापान में हर एक पब्लिक टॉयलेट में ऑटोमैटिक क्लिनर जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। जो टॉयलेट आने वाले हर एक व्यक्ति के लिए उसे साफ, सूखा और फ्रेश रखता है।
जापान के घरों में बने टॉयलेट्स फ्लश में अक्सर ऊपर एक सिंक होता है। जिसमें आप पानी से हाथ धो सकते हैं, इसके बाद उस पानी को आप फ्लशिंग के लिए दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं। इस आइडिया के जरिए जापान हर साल लाखों लीटर पानी बर्बाद होने से बचा लेता है।
जापान में भूकंपरोधी इमारतों का निर्माण करने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। 1983 में इस तकनीक की शुरुआत हुई। भूकंप प्रतिरोधी इमारतों को बनाने के लिए कंक्रीट की इमारतों और सड़कों को शॉक-अवशोषित रबर-बेयरिंग आइसोलेटर और मेटल डैम्पर्स की परतों से बनाया जाता है। ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि जब भूकंप आता है तो इन इमारतों के बजाय उसके अंदर डाले गए रबर-बेयरिंग आइसोलेटर वाले पैड हिलते हैं।
माउंट फ़ूजी जापान का सबसे ऊँचा पर्वत है। यह इस देश की शान है। इस पर्वत को लोग फूजी यामा भी कहते हैं और इसे आदरपूर्वक फूजी सान भी कहते हैं। यह एक जापानी ज्वालामुखी है जिसका जापानी संस्कृति में विशेष स्थान है। माउंट फूजी पर हर गर्मियों में लगभग 200,000 से 300,000 लोग चढ़ते हैं। यहां सनराइज के समय पर्वत के शिखर पर चढ़ना काफी लोकप्रिय है। इस पर चढ़ाई करने वाले लोग अक्सर एक दिन पहले अपनी चढ़ाई शुरू करते हैं और पहाड़ पर एक लॉज में रात भर रुकते हैं, फिर अगली सुबह जल्दी उठकर पहाड़ चढ़ना शुरू कर देते हैं ताकि क्षितिज पर सूरज को उगता हुआ देख सकें।
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