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हनुमान चालीसा में संत ने बताई गलतियां, कहा- जो दुनिया पढ़ रही वह सरासर गलत है

हनुमान चालीसा पढ़ने वाले कुछ पंक्तियों को गलत पढ़ते हैं। ऐसा कहना है एक संत का। जिन्होंने उन पंक्तियों की गलतियां निकाल उनके सही मायने बताएं।

Written By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Published on: April 12, 2023 7:27 IST
जगदगुरु रामभद्राचार्य- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV जगदगुरु रामभद्राचार्य

सारे दुख और कष्ट को हरने वाले भगवान हनुमान की पूजा सभी करते हैं। बजरंग बली के भक्त दुनिया के हर कोने में मौजूद हैं। हनुमान जी खुद श्री राम चंद्र के भक्त थे और उनकी भक्ति से हमलोग काफी कुछ सीख सकते हैं। कभी भी लोगों को जब भी डर सताता है तो सबसे पहले उनके जुबान पर हनुमान जी का नाम आता है और वह तुरंत ही हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू कर देते हैं। जिन लोगों को भूत-प्रेत से डर लगता है वह हनुमान चालीसा के पाठ से खुद को हिम्मत देता है। लेकिन जब आपको यह बताया जाए कि हनुमान चालीसा जो आप और हम पढ़ते हैं वह गलत पढ़ते हैं तो आपको क्या सोचेंगे? आपके तो यही लगेगा न कि हम तो शुरू से ही ऐसे ही हनुमान चालीसा पढ़ते आए हैं और इसे कभी किसी ने गलत नहीं बताया। अब ये कैसे हो सकता है? तो ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ये बात जगदगुरु रामभद्राचार्य बता रहे हैं।

ये हैं वे गलत पंक्तियां जिन्हें हम पढ़ते हैं

सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें जगदगुरु रामभद्राचार्य से पूछा गया कि हनुमान चालीसा में कुछ गलत लाइन अंकित है उस पर आप भक्तों को क्या बताना चाहेंगे? इस सवाल का जवाब देते हुए संत ने कहा कि हनुमान चालीसा में लोग शंकर सुवन बोलते है जो कि गलत है। हनुमान जी शंकर जी के पुत्र नहीं हैं बल्कि शंकर जी ही हनुमान हैं। मूल पाठ उसका शंकर स्वयं केसरी नंदन है। न कि शंकर सुवन केसरी नंदन है। दूसरा गलत उच्चारण ये है कि लोग 27वें चौपाई में सब पर राम तपस्वी राजा बोलते है जबकि इसे सब पर राम राज सिर ताजा बोला जाना चाहिए और तीसरा पाठ है, 32वें चौपाई में राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपती के दासा न होकर सादर हो रघुपति के दासा है। लोग एक और गलत लाइन पढ़ते हैं वो यह कि "जो सत बार पाठ कर कोई की जगह यह पाठ सत बार कर जोई, छुट ही बंदी महा सुख होई होगा।

वीडियो पर यूजर्स का आया मिलाजुला रिएक्शन

वायरल हो रहे इस वीडियो को 70 हजार लोगों ने लाइक किया है और इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दिया है। कई लोग संत के इन बातों से सहमत दिखाई दिए तो कुछ लोगों ने उनके इस ज्ञान का विरोध किया। एक यूजर ने कमेंट कर लिखा- गुरु जी के मुताबिक, अब तुलसी दास जी द्वारा लिखा गया हनुमान चालीसा गलत हो गया, चित्रकूट में उनकी लिखी रामायण आज भी रखी हुई है। अब ऐसे गुरु जी का उपदेश सुनकर भक्त लोग क्या करेंगे? वहीं दूसरे यूजर ने कहा- गुरु जी तुलसीदास को गलत नहीं कह रहे हैं वे बस इतना कह रहे कि हनुमान चालीसा में कई शब्दों में गलतियां हैं। चूकि तुलसी दास के हाथों से लिखी हनमान चालीसा का कोई साक्ष्य नहीं है तो ये कहना भी गलत है कि तुलसी दास ने यही लिखा था।

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