Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. वायरल न्‍यूज
  3. इस नदी का नाम सबने सुना होगा लेकिन इसे बहते हुए किसी ने नहीं देखा

इस नदी का नाम सबने सुना होगा लेकिन इसे बहते हुए किसी ने नहीं देखा

हमारे इस धरती पर नदी, पहाड़, पेड़, जंगल, जानवर और इंसान हैं। यहां पर प्रकृति रहस्यों से भरी हुई है। इन रहस्यों को जानने के बाद आप दंग रह जाएंगे।

Written By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Published on: June 22, 2023 16:15 IST
River- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA नदी जो आज तक नहीं दिखी।

भारत में नदियों की बात करें तो कुल छोटी-बड़ी मिलाकर 200 नदियां इस देश में बहती हैं। जिनमें से प्रमुख नदियाों का नाम गंगा, यमुना, कृष्णा, कावेरी, नर्मदा, गोदावरी है। लगभग आपने सभी नदियों का नाम सुना ही होगा और जो लोग घूमने के शकिन होते हैं उन्होंने इस नदियों को देखा भी होगा। लेकिन आज हम आपको ऐसी नदी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम तो आपने सुना होगा लेकिन कभी भी इसे बहते हुए किसी ने नहीं देखा। इस नदी का नाम आपने किताब, वेद-ग्रन्थ हर जगह पढ़ा होगा लेकिन आज तक आप इसे बहते हुए नहीं देखे होंगे।

वह नदी जो कभी धरती पर बहती थी

जी हां, हम बात कर रहे हैं सरस्वती नदी की। इस नदी का नाम आपने जरूर सुना होगा लेकिन कभी भी इसे बहते हुए नहीं देखा होगा। अब चलिए आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं। हिंदुओं के ग्रन्थ और पुराणों को उठाकर देखेंगे तो उनमें सरस्वती नदी का जिक्र आपने जरूर सुना होगा। सरस्वती नदी का जिक्र आपको ऋगवेद में अच्छे से पढ़ने को मिल जाएगा। कहते हैं कि यह नदी हिमाचल में सिरमौरराज्य के पर्वतीय भाग से निकलकर अंबाला तथा कुरुक्षेत्र,कैथल से होती हुई पटियाला से बहकर सिरसा की दृशद्वती (कांगार) नदी में मिल गई थी। पौराणिक कथाओं में भी इस नदी का बहुत महत्व है लेकिन अब यह नदी धरती से विलुप्त हो गई है। ऐसा कहा जाता है कि हजारों साल पहले ये नदी बहती थी लेकिन श्राप के कारण यह सूख गई और विलुप्त हो गई। 

पुराणों मे मिलेगा इस नदी का जिक्र

सरस्वती नदी के बारे में आपने काफी कुछ पढ़ा होगा। सरस्वती नदी का वर्णन आपको रामायण और महाभारत में भी देखने को मिल जाएगा। कहा ये भी जाता है कि प्रयाग में गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है और यह जमीन के अंदर से बहती हैं और प्रयाग के संगम में दिखती हैं। जबकि वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो सरस्वती नदी कभी भी प्रयाग के संगम में बहकर नहीं गईं। वैज्ञानिक और भूगर्भीय खोजों से पता चला है कि एक समय पर भीषण भूकम्प आया था। जिसके कारण जमीन के नीचे के पहाड़ ऊपर उठ गए और सरस्वती नदी का जल पीछे की ओर चला गया। जिसके बाद सरस्वती नदी यमुना में मिल गई और यमुना के साथ ही बहने लगी। यमुना से होते हुए ही सरस्वती नही का पानी संगम में त्रिवेणी बनाती है।

ये भी पढ़ें:

महिला ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि अब साल भर मिलेगा फ्री बीयर, देखें ये Video

कहां मिलेगी ऐसी टेक्नोलॉजी, बंदे ने बाइक की हेडलाइट के साथ कर दिया ऐसा खेल कि डिसप्ले होने लगा Video

 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें वायरल न्‍यूज सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement