दुनिया के 7 अजूबों में से एक ताजमहल उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित है। ताजमहल को 1653 में मुगल सम्राट शांहजहां ने अपनी बेगम मुमताज़ महल की याद में बनवाया था। 1983 में ताजमहल युनेस्को विश्व धरोहर बना। ताजमहल की खूबसूरती चांदनी रात में देखने लायक होती है। चांद की रोशनी जब ताजमहल पर पड़ती है तब इसका नजारा बहुत ही कमाल का होता है। ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनाया गया है और इसमें इस्तेमाल हुआ पत्थर मरकाना का मार्बल कहलाता है।
2023 में ताजमहल बनता तो इतना खर्च आता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब ताजमहल बना था उस वक्त लगभग 32 मिलियन रुपए खर्च किए गए थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर ताज महल को आज की तारीख में बनवाया जाता तो कितना खर्च होता? ऐसे अनुमान लगाना तो मुश्किल है। लेकिन इन्फ्लेशन एडजस्टेड वैल्यू को ध्यान में रखते हुए इसका अनुमान लगाया गया है। तो चलिए आपको हम बताते हैं कि अगर साल 2023 में ताज महल का निर्माण करवाया जाता तो कितना खर्च आता। अभी हाल की आर्थिक स्थिति को देखें तो ताज महल को बनाने में लगभग 1 अरब डॉलर खर्च आता। यानी की कुल 70 अरब रुपए खर्च होते।
28 किस्म के पत्थरों से बना है ताजमहल
ताजमहल को बनाने में 28 किस्म के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था। इसमें चारों कोने पर 4 विशाल मिनारों का निर्माण करवाया गया था। हर मिनार की ऊंचाई लगभग 40 मीटर है। ताजमहल के ऊपर जो गुमबद बना है वह सबसे शानदार हिस्सा है। आपको बता दें कि मुख्य कक्ष में मुमताज महल और शाहजहाँ की नकली कब्रें हैं। इनकी असली कब्र निचले तल पर स्थित है।
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