Highlights
- हरियाणा के रोहतक में किया गया यह अनोखा विरोध प्रदर्शन
- रोहतक के गांव गांधरा के निवासी हैं 102 साल के दुलीचंद
- एडीसी महेंद्रपाल ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया
Haryana Viral News: देश में बुजुर्गों को सरकार की तरफ से पेंशन दी जाती है। कई बार यही पेंशन उनके जीने का सहारा भी होती है। लेकिन कुछ अधिकारियों की कारसथानी की बदौलत कई बार बुजुर्गों को मृत दिखाकर उनकी पेंशन या अन्य सुविधाएं बंद कर दी जाती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ हरियाणा में।
हरियाणा के रोहतक में एक 102 साल के बुजुर्ग को मृत दिखाकर उनकी पेंशन बंद कर दी गई। जिससे परेशान होकर 102 वर्षीय दुलीचंद गुरुवार को बैंड बाजे के साथ अपने जीवित होने का प्रमाण देने पहुंचे। दुलीचंद बाकायदा पगड़ी पहनकर, हाथ में फरसा लेकर रथ पर सवार हुए। बुजुर्ग पेंशन लाभार्थी के आगे बैंड की धुन पर थिरकते लोग भी शामिल हुए।
साइन बोर्ड पर लिखा 'थारा फूफा अभी जिंदा है'
एक सभा करने के बाद सभी रथ के सामने बैंड की धुन पर नाचते गाते हुए एडीसी कार्यालय की ओर रवाना हुए। इस दौरान बुजुर्ग ने अपने हाथ में खुद के जिंदा होने के संबंध में लिखी पट्टिका भी थामी हुई थी। जिसपर लिखा हुआ था कि 'थारा फूफा अभी जिंदा है 102 साल'। एडीसी कार्यालय पहुंचकर बुजुर्ग ने एडीसी व पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर को ज्ञापन सौंपा। यहां एडीसी महेंद्रपाल ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
यहां देखें विरोध प्रदर्शन की वीडियो -
जिंदा होने के दिए प्रमाण
यही नहीं, बुजुर्ग के आधार कार्ड, पैन कार्ड, फैमिली आईडी व बैंक स्टेटमेंट भी प्रशासन को दिखाए गए। साथ ही उनसे सरकार के पास इन बुजुर्गों की पेंशन के लिए रुपये नहीं होने का सवाल किया। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को उनकी पेंशन मिलनी चाहिए। यह उनका हक है।
इस अनोखे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए एक व्यक्ति ने बताया कि गांधरा निवासी दुलीचंद 102 साल के हैं। उन्हें सरकार ने अपने रिकॉर्ड में मृत घोषित कर उनकी बुढ़ापा पेंशन काट दी है। इस संबंध में प्रशासन को पेंशन दुरुस्त करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। इस पर प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया। इसलिए यह प्रदर्शन किया गया।