बिहार के मोतिहारी के चकिया रेलवे स्टेशन पर एक लड़की जान देने के इरादे से गई थी। रेलवे ट्रैक पर वह आत्महत्या करने के लिए लेट गई लेकिन ट्रेन के इंतजार में उसे कब नींद आ गई, इस बात का उसे पता नहीं चला। जब ट्रेन उस ट्रैक पर आई तो लड़की को पटरी पर सोते देख ड्राइवर ने इंमरजेंसी ब्रेक लगाकर जैसे-तैसे ट्रेन को रोका। ड्राइवर का भला हो जो उसने लड़की की जान बचा ली।
लोको पायलट ने रोकी ट्रेन और लड़की को जगाया
जानकारी के मुताबिक, युवती आत्महत्या करने के लिए ट्रैक पर लेटी थी। ट्रेन का इंतजार करते-करते लड़की ट्रैक पर ही सो गई। जब उसी ट्रैक पर ट्रेन आई तो ड्राइवर ने जैसे-तैसे इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका और फिर आनन-फानन में उतर कर लड़की के पास गया और उसे नींद से जगाया। जिसके बाद ड्राइवर ने लड़की को ट्रैक से हटने को कहा लेकिन जान देने को आतुर लड़की ट्रैक पर से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी। जिसके बाद ड्राइवर ने ट्रैक के आस-पास रहे वाले स्थानीय लोगों को बुलाया और लड़की को ट्रैक से हटाने को कहा।
स्थानीय लोगों ने लड़की को पटरी से हटाया
स्थानीय महिलाएं जब उस लड़की को जबरन ट्रैक से खींचकर ले जाने लगीं तो वह लड़की उन पर चीखने-चिल्लाने लगी। लड़की बोलने लगी कि, "आप लोगों को क्या दिक्कत? छोड़िए मुझे, छोड़िए। मुझे मरना है... मुझे मरना है।" हालांकि, बाद में जोर जबरदस्ती से महिलाओं ने लड़की को रेलवे ट्रैक से खींचकर सुरक्षित उसके घर तक ले गईं। लड़की के ट्रैक पर से हटने के बाद ही ट्रेन कहीं आगे बढ़ीं।
क्यों आत्म हत्या करने गई थी लड़की
मामले को लेकर यह भी बात सामने आई कि लड़की एक युवक से प्रेम करती है और उसी से शादी करना चाहती है। लेकिन लड़की के परिवार वाले इस बात पर राजी नहीं थे। जिसके बाद लड़की ने आत्महत्या करने का मन बना लिया और जाकर रेलवे ट्रैक पर सो गई। गनीमत रही कि ट्रेन के ड्राइवर की तत्परता से लड़की की जान बच गई, नहीं तो अब तक वह यमलोक को प्रस्थान कर चुकी होती।
(मोतिहारी से अनामिका गौर की रिपोर्ट)
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