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कर्मचारी को नौकरी से निकालना कंपनी को पड़ा भारी, अब देना पड़ेगा 12 लाख रुपये का मुआवजा

लिडल नाम की एक कंपनी ने अपने एक कर्मचारी को 69 छुट्टियां लेने की वजह से नौकरी से निकाल दिया। कर्मचारी जब इस मामले को कोर्ट में लेकर पहुंचा तो कोर्ट ने उसके पक्ष में अपना फैसला सुनाया।

Written By: Adarsh Pandey
Published on: October 25, 2023 14:52 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर- India TV Hindi
Image Source : PIXABAY कर्मचारी को नौकरी से निकालना कंपनी को पड़ा भारी

प्राइवेट नौकरी हो या फिर सरकारी नौकरी, कर्मचारी को सैलेरी के साथ कुछ अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं। इस सुविधाओं में छुट्टियां भी शामिल होती हैं। मगर दिक्कत तब आती है जब व्यक्ति को जरूरत के समय वहीं छुट्टियां लेने की अनुमति नहीं मिलती है। मगर जब तबीयत खराब होती है तो आदमी को छुट्टी लेनी ही पड़ती है। आयरलैंड में एक शख्स ने इसी तरह अपनी सिक लीव ली। लेकिन कर्मचारी के 69 लीव लेने की वजह से कंपनी के वरिष्ठ कर्मचारी नाराज हो गए और उसे नौकरी से निकाल दिया। हालांकि उस कर्मचारी ने एक साथ नहीं बल्कि 16 महीनों की अवधि में अलग-अलग समय पर यह छुट्टियां ली।

डेली स्टार के मुताबिक आयरलैंड में लिडल कंपनी के मुख्य कार्यालय में मिहालिस बुइनेंको नाम के एक व्यक्ति ने करीब 11 सालों तक काम किया। मगर 2021 में उसे ज्यादा छुट्टी लेने की वजह से नौकरी से निकाल दिया गया। इसके बाद शख्स ने कार्यालय संबंध आयोग (Workplace Relation Commision) के सामने यह मामला लेकर पहुंचा। WRC ने बुइनेंको के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कंपनी को आदेश दिया कि उन्हें अपने पूर्व कर्मचारी को 14 हजार यूरो का मुआवजा देना पड़ेगा। हालांकि लिडल कंपनी ने इस फैसले को गलत बताते हुए कहा कि उनका फैसला एकदम सही था।

कंपनी ने क्या कहा?

इस मामले पर सुनवाई के दौरान कंपनी ने अपने पूर्व कर्मचारी पर आरोप लगाया कि, उन्होंने 69 बार छुट्टियां ली है और 10 बार जल्दी काम छोड़ कर वहां से गए हैं। लिडक ले रिजनल लॉजिस्टिक्स प्रबंधक ने WRC को बताया कि बुइनेंको ने कंपनी के नियमों को तोड़ा है। उन्होंने छुट्टियां लेने और कंपनी से जल्दी जाने के पीछे कोई वैध कारण नहीं बताया है इसलिए उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।

कर्मचारी ने अपने बचाव में क्या कहा?

बुइनेंको ने WRC के सामने बताया कि, उनकी हर छुट्टी को एक डॉक्टर द्वारा प्रमाणित किया गया है जो बताता है कि मैं बीमार होने के कारण ऑफिस नहीं जा पाया। उन्होंने यह भी बताया कि लिडल की बीमार वेतन योजना की पुस्तिका में अधिक बीमार होने पर छुट्टी लेने के लिए कोई दंड या कार्रवाई का नियम नहीं बनाया गया है।

कोर्ट ने कर्मचारी के पक्ष में सुनाया फैसला

लिडल कंपनी द्वारा नौकरी से निकाले जाने वाले कर्मचारी ने WRC को बताया कि उन्हें नौकरी से निकाले जाने की वजह से काफी नुकसान हुआ है। इसके बाद WRC ने जब कंपनी की पॉलिसी को पढ़ा तो पाया कि उसमें सिक लीव से संबंधित कोई भी नियम नहीं है। इसके बाद WRC ने कंपनी को मुआवजा देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कंपनी को 14 हजार यूरो यानी 12 लाख 33 हजार 400 रुपये देने का आदेश सुनाया।

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