पूरे देश में 12 अक्तूबर को रावण दहन किया गया। लेकिन यूपी के बलिया के एक गांव में रावण 12 तारीख को ना जलाकर 13 अक्तूबर को जलाया गया। इसके पीछे कोई मुहूर्त या फिर कोई वैदिक कारण नहीं था। बल्कि इसके पीछे जो वजह थी, वह थी गांव में दो पक्षों के बीच हुई जमकर मारपीट। दरअसल, बलिया जनपद के बांसडीह कोतवाली के राजा गाँव खरौनी में रावण दहन से पहले ही दो पक्षों में लाठी-डंडे, ईंट-पत्थर से मारपीट हो गई। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दो पक्षों में हुई जमकर मारपीट
हुआ ये कि, गांव में रावण दहन के लिए मेघनाद, कुंभकर्ण और रावण के पुतले से जलाने के लिए तैयार कर खड़े कर दिए गए। लेकिन रावण दहन से पहले ही वहां की दो कमेटियों के सदस्य आपस में ही भिड़ गए। जिसके बाद लोग एक-दूसरे पर बांस, लाठी-डंडे और ईंट-पत्थर चलाने लगे। दोनों तरफ से जमकर मारपीट हुई। जो भी सामने आया उसके शरीर पर बांस जरूर चला। मामले को सुलझाने गई पुलिस भी इस मारपीट की शिकार हो गई। लोगों ने पुलिस के साथ भी झड़प की। अंधी चल रही मार-पीट के बीच पुलिस पर भी लोगों ने लाठी-डंडे बरसा दिए। इसी बीच कई पुलिसकर्मियों की वर्दी भी फट गई। वहीं, इस लड़ाई में ग्राम प्रधान भी बुरी तरह से पीट गए। लोगों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर मारा।
रात के 3 बजे हुआ रावण दहन
रावण दहन छोड़ लोग मारपीट में इस कदर मशगूल हो गए कि रावण दहन करना ही भूल गए। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर भारी पुलिस बल पहुंची। पुलिस ने सहतवार चेयरमैन प्रतिनिधि समेत दोनों पक्षों के 26 नामजद समेत कई अज्ञात लोगों के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दोनों पक्षों के 14 लोगों को हिरासत में लिया। जब मामला पूरी तरह से शांत हुआ तब कहीं जाकर पुलिस ने खुद ही देर रात तीन बजे रावण का पुतला दहन किया।
(बलिया से अमित कुमार की रिपोर्ट)
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